एलआईसी आईपीओ को छोटे निवेशकों का सहारा | समी मोडक / मुंबई May 09, 2022 | | | | |
बड़ी शेयर बिक्री विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से समर्थन की उम्मीद करती है। हालांकि भारतीय जीवन बीमा निगम के 20,500 करोड़ रुपये के ज्यादा के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम ने देश के खुदरा निवेशकों के पूरे समर्थन के साथ शेयर बिक्री करने में कामयाबी हासिल की।
एलआईसी की पेशकश में एफपीआई ने 4,000 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया है, जो इश्यू के कुल आकार का पांचवां हिस्सा से भी कम है और कुल सबस्क्रिप्शन का 10 फीसदी से कम बैठता है। दूसरी ओर वैयक्तिक निवेशकों ने 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगाई।
इस आईपीओ में 73 लाख खुदरा आवेदन हासिल हुए और इनमें से काफी पहली बार निवेशक बने बैं। आईपीओ में सबसे ज्यादा आवेदन का रिकॉर्ड ग्लेनमार्क लाइफ साइंस के आईपीओ में पिछले साल बना था, जो 34 लाख रहा था। इस लिहाज से देखें तो बाजार में 2021 मेंं पेश होने वाले 69 आईपीओ में औसत आवेदन 13 लाख रहा है। साल 2008 में रिलायंस पावर के आईपीओ में 48 लाख आवेदन हासिल हुए थे, हालांकि आईपीओ की फंडिंग व आवेदन को लेकर तब नियम अलग थे।
उद्योग के प्रतिभागियोंं ने कहा कि एलआईसी आईपीओ में विशेष पॉलिसीधारक कोटा सरकार के लिए काफी मुफीद साबित होने वाला है। पॉलिसीधारकों को इसमें शामिल करने की कवायद महीनों पहले शुरू हुई थी, जो विज्ञापन अभियान के जरिए आगे बढ़ा। सरकार ने इन निवेशकों को 60 रुपये प्रति शेयर की छूट भी दी, जिसने निवेशकों की अवधारणा मजबूत की। यह छुूट खुदरा निवेशकों को मिली 45 रुपये प्रति शेयर की छूट के मुकाबले ज्यादा थी।
वरिष्ठ नागरिक मोटे तौर पर इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहते, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे निवेशकों ने इसमें हिस्सा लिया। एलआईसी की तरफ से पॉलिसीधारकों को विशेष रियायत दिया जाना अहम सावित हुआ। ये बातें निवेश बैंंकर ने कही।
उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि छोटे निवेशकोंं को बाजार के माहौल से फायदा होने वाला है। फंड्सइंडिया के सीईओ जी. मुरूगन ने कहा, छोटे-मझोले शहरों से भागीदारी एलआईसी आईपीओ मेंं ज्यादा रही। हम इसकी वजह एलआईसी के पॉलिसीधारकों के गहन विस्तार बता सकते हैं। आईपीओ को नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों से काफी आवेदन मिले हैं। हमें लगता है कि यह द्वितीयक बाजारों में बड़े स्तर पर खुदरा भागीदारी के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और एलआईसी आईपीओ के लिए खोले गए नए खाते का इस्तेमाल इक्विटी बाजारों में निवेश के लिए भी किया जाएगा।
2021-22 में ब्रोकरेज के पास खुले डीमैट खातों की संख्या 60 फीसदी उछलकर करीब 9 करोड़ हो गई। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि एलआईसी आईपीओ 10 करोड़ निवेशकों के मील का पत्थर तक पहुंचने में मदद करेगा।
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