एलआईसी को तीन गुना अभिदान | सुब्रत पांडा / मुंबई May 09, 2022 | | | | |
बीमा क्षेत्र की दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पेशकश के मुकाबले 2.95 गुना शेयरों के लिए बोलियां मिली हैं। देश में यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसके लिए 43,933.50 करोड़ रुपये की बोलियां लगीं।
इसमें सबसे अधिक बोलियां देसी निवेशकों ने लगाईं, जिनमें छोटे यानी खुदरा निवेशक अधिक रहे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बॉन्ड प्रतिफल में तेजी के बीच बढ़ते वैश्विक जोखिम को देखते हुए इससे दूरी ही बरती।
एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए जो हिस्सा रखा गया था, उसे जमकर प्रतिसाद मिला और छह गुना यानी 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां आईं। कर्मचारियों के हिस्से पर 4.4 गुना बोलियां लगीं और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के हिस्से को 12,450 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ 2 गुना अभिदान मिला।
आइपीओ के लिए करीब 73.3 लाख खुदरा आवेदन आए, जो देश में किसी भी आईपीओ के लिए अब तक के सबसे अधिक आवेदन रहे। रिलायंस पावर के आईपीओ को 2008 में लगभग 48 लाख खुदरा आवेदन मिले थे, जो अभी तक रिकॉर्ड था।
पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी को 2.83 गुना और धनाढ्य व्यक्तियों (एचएनआई) की श्रेणी को 2.91 गुना अभिदान हासिल हुआ। दोनों श्रेणियों में मिलाकर लगभग 18,815 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। एफपीआई ने 2,300 करोड़ रुपये से भी कम की बोलियां लगाईं।
स्टॉक एक्सचेंजों पर उपलब्ध
सूचना के मुताबिक आईपीओ में 16,20,78,067 शेयर पेश किए गए हैं, जिनमें एंकर निवेशकों को दिए गए शेयर शामिल नहीं हैं। मगर निवेशकों ने कुल 47,83,67,010 शेयरों के लिए बोलियां लगा डालीं। एलआईसी कद्दावर ब्रांड है और अतिरिक्त छूट भी दी जा रही थी, जिसके कारण पहली बार निवेश करने वाले और छोटे शेयरधारक इसके आईपीओ की ओर खिंचे चले गए।
सरकार ने आईपीओ का मूल्य दायरा 902 रुपये से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया था। साथ में खुदरा निवेशकों को 45 रुपये और पॉलिसीधारकों को 60 रुपये की छूट दी गई थी। आईपीओ 4 मई को खुला और रविवार को भी खुला रहा।पिछले हफ्ते एलआईसी ने एंकर निवेशकों से 5,627 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसमें से 71 फीसदी राशि देसी म्युचुअल फंडों से आई थी। कंपनी ने 123 निवेशकों को 949 रुपये के भाव पर लगभग 5.93 करोड़ शेयर आवंटित कर दिए। इनमें से 4.217 करोड़ शेयर 15 देसी म्युचुअल फंडों ने 99 योजनाओं के जरिये लिए। सरकार की योजना एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 20,577 करोड़ रुपये कमाने की है। शुरुआत में वह 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही थी। मगर बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनावों के कारण उसने इसे 3.5 फीसदी पर ही समेट लिया।मूल्य दायरे के ऊपरी छोर पर सूचीबद्घ होने पर एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 6 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा और यह भारत की पांचवीं सबसे कीमती कंपनी बन जाएगी। इसका अंतर्निहित मूल्य सितंबर, 2021 में 5.4 लाख करोड़ रुपये था।
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