हम वित्त वर्ष 2022-23 में प्रवेश कर रहे हैं तो हमारे लिए यह याद रखना जरूरी है कि आने वाले वर्ष के लिए कर योजना तैयार करने के लिए अप्रैल एक अच्छा समय है। उदाहरण के लिए, सावधि जमा (एफडी) के लिए स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) में बचत करने या आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने से छूट पाने के लिए कदम उठा सकते हैं। टीआर चड्ढा ऐंड कंपनी एलएलपी की प्रत्यक्ष कर साझेदार आकांक्षा गोयल कहती हैं, 'नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही करदाताओं को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत छूट का दावा करने के लिए घोषणा करनी होती है जिसके तहत फॉर्म 12 बीबीए, 15 जी और 15 एच जमा करवाना भी शामिल है।'फॉर्म 12 बीबीए आयकर अधिनियम, 1961 में शामिल एक नई धारा 194 पी के मुताबिक, 75 वर्ष से अधिक उम्र के वैसे वरिष्ठ नागरिकों को कर छूट दी जाती है जिनका आधार केवल पेंशन और उस बैंक खाते की ब्याज आमदनी है जिसमें उनकी पेंशन आती है। इस संबंध में, वरिष्ठ नागरिक को बैंक में फॉर्म 12 बीबीए भर कर जमा करना होता है जिसमें पेंशन और ब्याज आमदनी का भी ब्योरा होता है। गोयल कहते हैं, 'इस तरह की घोषणा के बाद बैंक ऐसे वरिष्ठ नागरिक की कर योग्य आमदनी की गणना करेगा और कर में कटौती करेगा।' आयकर रिटर्न के जरिये ऐसी छूट का फायदा पाने के लिए यह जरूरी है कि वरिष्ठ नागरिक आयकर नियम, 1962 के नियम 26 डी के अनुसार निर्दिष्ट बैंक को फॉर्म 12 बीबीए में एक घोषणा पत्र भरकर खुद ही जमा करेंगे। आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, 'फॉर्म 12 बीबीए में करदाता को अपना नाम, स्थायी खाता सं या (पैन), कुल आमदनी और दावों का विवरण मसलन चैप्टर 6 ए के तहत कर कटौती और उसके सबूत जैसे विवरणों को पेश करने की आवश्यकता होती है। आयकर कानून के अध्याय 6 ए में धारा 80 की विभिन्न उप-धाराएं शामिल हैं जो किसी करदाता की कुल आय से होने वाली कटौती पर दावा करने की अनुमति देती हैं।' एन.ए. शाह एसोसिएट्स में पार्टनर गोपाल बोहरा कहते हैं, 'इस लाभ का फायदा उठाने के लिए, वरिष्ठ नागरिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास पेंशन आमदनी और उसी बैंक खाते से मिल रहे ब्याज के अलावा कोई अन्य आमदनी न हो, जिसमें पेंशन मिलती है। बैंक को फॉर्म 12 बीबीए में एक घोषणा कर उसे जमा कराना होता है जिसमें निवेश से जुड़ी कटौती (80 सी और 80डी) का विवरण होता है।' बैंक के पास फॉर्म 12बीबीए जमा करने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। बोहरा कहते हैं, 'हम सुझाव देते हैं कि वरिष्ठ नागरिक धारा 192/194ए के तहत टीडीएस से बचने के लिए वर्ष की शुरुआत में फॉर्म 12बीबीए जमा करें।'फॉर्म 15 जी और 15 एच आयकर कानून, करदाताओं को टीडीएस की कटौती के बिना कुछ आमदनी (ब्याज, लाभांश, किराया और बीमा कमीशन) पाने की अनुमति देता है। टैक्समैनेजर डॉट इन के मु य कार्यकारी अधिकारी दीपक जैन कहते हैं, 'फॉर्म 15जी और 15एच एक करदाता द्वारा बैंक में जमा किए गए स्व-घोषणा वाले फॉर्म है जिसमें ब्याज आय पर टीडीएस नहीं काटने का अनुरोध किया जाता है क्योंकि उनकी आय नए वित्त वर्ष में छूट सीमा से कम है।' ध्यान दें कि एक करदाता इस तरह के लाभ का फायदा तभी उठा सकता है जब उसकी कुल आय पर कर शून्य हो। वे एक वैध पैन के साथ फॉर्म 15 जी/15 एच में एक घोषणा कर ऐसा कर सकते हैं। फॉर्म 15जी 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों द्वारा जमा किया जाता है जबकि फॉर्म 15 एच किसी निजी वरिष्ठ नागरिक द्वारा पेश किया जाता है। टैक्समैन के उप महाप्रबंधक नवीन वाधवा कहते हैं, 'पात्र व्यक्ति फॉर्म 15 जी भरकर पेश कर सकते हैं या वरिष्ठ नागरिक भुगतानकर्ता के पास फॉर्म 15 एच जमा करवा सकते हैं। फॉर्म 15 जी/15 एच में घोषणापत्र को एक पेपर प्रारूप में जमा किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, इसे इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया के माध्यम से विधिवत सत्यापित करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भरा जा सकता है।' जब प्राप्तकर्ता, आमदनी के भुगतानकर्ता को अपने पैन के साथ एक घोषणापत्र जमा करवाता है तब भुगतानकर्ता स्रोत पर कर में कटौती नहीं करेगा। फॉर्म 15जी के बारे में जैन कहते हैं, 'एक और शर्त पूरी की जानी जरूरी है कि एक साल के लिए कुल आमदनी उस वर्ष की मूल छूट सीमा से कम है जो वित्त वर्ष 2023 के लिए 2.5 लाख रुपये है।' फॉर्म 15एच के संबंध में, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए, आकलन वर्ष 2023-24 के लिए मूल कर छूट सीमा 3 लाख रुपये है। इन फॉर्म का लाभ अनिवासी भारतीय नहीं ले सकते हैं। अगर आप इन फॉर्म को जमा करने से चूक जाते हैं तब आप आयकर दाखिल करते समय इस राशि का दावा कर सकते हैं और रिफंड की मांग कर सकते हैं। सुराना कहते हैं, 'हरेक वित्तीय वर्ष के लिए फॉर्म 12बीबीए, 15जी और 15 एच जमा करने की आवश्यकता होती है।'
