'हम चाहते हैं खुदरा-डिजिटल बैंक में बने दबदबा' | मनोजित साहा / May 08, 2022 | | | | |
बीएस बातचीत
संकट में फंसे पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक की सभी शाखाएं यूनिटी स्माल फाइनैंस बैंक के रूप में जनवरी से चालू हो जाएंगी। यूनिटी एसएफबी के प्रवर्तक सेंट्रम ग्रुप के चेयरमैन जसपाल बिंद्रा ने मनोजित साहा से बैंक के खाके पर बात की। प्रमुख अंश:
अब यूनिटी स्माल फाइनैंस बैंक ने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को पहली किस्त का भुगतान कर दिया है, जो प्राथमिकता में था। यूनिटी स्माल फाइनैंस बैंक के लिए आपका मध्यावधि से लेकर दीर्घकालीन खाका क्या है?
यूनिटी स्माल फाइनैंस बैंक की यात्रा का पहला कदम एकीकरण को लेकर है। हम सेंट्रम के दो कारोबार को बैंक में एकीकृत कर रहे हैं। माइक्रो फाइनैंस और एमएसएमई कारोबार का काम पिछले साल नवंबर में किया गया। जनवरी में हमें पीएमसी बैंक की संपत्तियों व देनदारियों का यूनिटी में हस्तांतरण करने को मंजूरी मिली। उसके बाद हम भारतपे की देनदारियों व संपत्तियों का यूनिटी के साथ एकीकरण कर रहे हैं। इस तरह से पहला चरण एकीकरण को लेकर है।
एक बार जब हम इसे स्थिर कर लेंगे, कारोबार की मात्रा बढ़ाने की बात आएगी। हम चाहते हैं कि खुदरा और डिजिटल बैंक में दबदबा बने। यह दीर्घावधि मकसद है।
कर्ज के हिसाब से देखें तो आप क्या नए तरीके से पेश करने जा रहे हैं?
हम कुछ कारोबारों का मूल्यांकन कर रहे हैं और कुछ उत्पाद एक साथ पेश करेंगे, जहां हम सोचते हैं कि प्रतिस्पर्धा का लाभ मिलेगा। सब कुछ की एकबारगी पेशकश नहीं होगी।
यूनिटी की रेटिंग में इक्रा ने पाया कि शुरुआती दौर के भारी परिचालन खर्च, पीएमसी बैंक के साथ विलय की लागत व कर्ज की बढ़ी जरूरतों की वजह से मध्यावधि के हिसाब से बैंक को नुकसान की संभावना है। आपको क्या लगता है कि यूनिटी एसएफबी कब मुनाफे में काम करना शुरू कर देगा?
परिचालन के हिसाब से हमें लगता है कि बहुत जल्द लाभ में आ जाएंगे। सेंट्रम के साथ एकीकृत किए गए कारोबार पहले से मुनाफे में हैं। भारतपे के साथ एकीकृत किया गया कारोबार भी मुनाफे में है। पीएमसी बैंक से मिले विरासत में मिलने वाले ज्यादातर बिजनेस परिसमापन के लिए चलाए जाएंगे क्योंकि वे थोक व्यवसाय हैं। हम उन्हें अपने खाते में जारी रखना नहीं चाहेंगे।
इसलिए परिचालन के हिसाब से हम मुनाफे में होंगे, लेकिन कर्ज के पुनर्भुगतान और जमा समाधान के हिसाब से संभवत: हमें भुगतान करना पड़ सकता है। उस हिसाब से हमें नकदी का नुकसान नहीं लोगा, लेकिन कुछ वर्षों तक बही खाता ऋणात्मक रहेगा।
जमा आकर्षित करने को लेकर अनुभव कैसा रहा है?
भुगतान किए गए 4,000 करोड़ रुपये में से 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बैंक के पास हैं। इस तरह से हमारे पास पहले ही करीब 2,000 करोड़ रुपये शुरुआती जमा है। निकट के हिसाब से हमारे पास कुछ सौ करोड़ रहेंगे, लेकिन यह बहुत अच्छी शुरुआत है। हम यहां से निर्माण की उम्मीद करते हैं।
जमा आकर्षित करने के लिए उच्च ब्याज दरों की पेशकश सहित क्या कोई रणनीति अपनाएंगे?
नए कारोबारी के रूप में बैंक को प्रतिस्पर्धी होना होगा। हम उम्मीद करते हैं कि समय के साथ हमारी सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्राहकों को बेहतर अनुभव और भरोसा मिल सकेगा। इससे जमा आकर्षित करने की योजना में सफलता मिलेगी।
पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को बरकरार रखने को लेकर आपका क्या अनुभव है?
पहले चरण में 50 प्रतिशत से ज्यादा बैंक के साथ बने हुए हैं। धन जारी किए जाने को अभी 3 सप्ताह हुए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस स्थिति में बहुत बदलाव नहीं होगा। पहले 5-7 दिन में तमाम गतिविधियां थीं, अब स्थिर हो गई हैं।
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