जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने निवेशकों को भेजी अपनी ताजा रिपोर्ट 'ग्रीड ऐंड फियर' में सुझाव दिया है कि भारत इक्विटी के संदर्भ में एशिया के सबसे अच्छे दीर्घावधि बाजारों में से एक बना हुआ है और निवेशकों को गिरावट पर अपने पसंदीदा शेयर खरीदने चाहिए। हालांकि वृहद स्तर पर समस्याओं को देखते हुए ऊंची तेल कीमतों समेत कई लगातार जोखिमों के साथ सख्त मौद्रिक नीति की जरूरत है, इसलिए वुड अपने एशिया एक्स-जापान पोर्टफोलियो में भारतीय इक्विटी को जोडऩे की जल्दबाजी में नहीं हैं। वुड ने कहा है, 'ग्रीड ऐंड फियर में इस साल की पहली तिमाही में एशियाई संदर्भ में भारत का प्रदर्शन कमजोर रहने की आशंका जताई गई थी। विदेशी निवेशकों ने इस साल की पहली तिमाही में रिकॉर्ड बिकवाली की।'विदेशी निवेशकों की बिकवाली आंकड़े के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में भारतीय इक्विटी बाजार में 13.5 अरब डॉलर मूल्य के शेयर बेचे और अप्रैल में भी 3.8 अरब डॉलर की बिकवाली की। जेफरी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली चार तिमाहियों के दौरान 17 अरब डॉलर की कुल निकासी में, ऐक्टिव फंडों (भारत-केंद्रित और गैर-केंद्रित) का इस बिकवाली में बड़ा योगदान रहा। जेफरीत के प्रबंध निदेशक महेश नंदुरकर ने अभिनव सिन्हा के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा है, 'पैसिव इंडिया-डेडिकेटेड फंडों से भी पिछली चार तिमाहियों में कुछ बिकवाली दर्ज की गई। हालांकि इस नुकसान की भरपाई सॉवरिन वेल्थ फंडों (एसडब्ल्यूएफ) द्वारा किए गए करीब 6.5 अरब डॉलर के निवेश से कुछ हद तक हो गई। निवेशकों के साथ हमारी ताजा बैठकों से संकेत मिले हैं कि मूल्यांकन चिंताओं को लेकर पिछले 6-12 महीनों में भारत को लेकर सक्रिय प्रबंधकों ने भारांक 50-100 आधार अंक तक घटाया है।' पिछले एक महीने में वैश्विक केंद्रीय बैंकों, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में उम्मीद से पहले वृद्घि से इक्विटी में बिकवाली दिखी। पिछले एक महीने में सेंसेक्स और निफ्टी-50 करीब 7-7 प्रतिशत कमजोर हुए हैं। अमेरिकी बाजारों में कमजोरी की वजह से शुक्रवार को इन दोनों सूचकांकों (सेंसेक्स और निफ्टी) में भारी गिरावट दर्ज की गई।फंडों में बिकवाली वुड ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि अमेरिकी इक्विटी बाजारों पर फंडों में बिकवाली की लहर का प्रभाव पडऩे की आशंका है, क्योंकि अमेरिकी फेड ने अपनी मौद्रिक नीति सख्त बना दी है और बॉन्ड खरीदारी घटाने पर जोर दिया है। अमेरिकी घरेलू इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 20 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में 20.7 अरब डॉलर की शुद्घ निकासी दर्ज की। उससे पहले के सप्ताह में 7.9 अरब डॉलर की शुद्घ बिकवाली दर्ज की गई थी। वुड ने लिखा है, 'यह याद रखना जरूरी है कि मौद्रिक सख्ती से जुड़ी गिरावट या मंदी के बाजार में, आप जो भी निर्णय लेंगे, वह बिकवाली की स्थिति में अमेरिकी शेयरों पर दबाव से जुड़ा हो सकता है।'
