जहां वैट नहीं हुआ कम, वहां पेट्रोल ने किया ज्यादा तंग | शाइन जैकब और इंदिवजल धस्माना / चेन्नई/नई दिल्ली May 06, 2022 | | | | |
पिछले साल 3 नवंबर से, जब केंद्र ने उत्पाद शुल्क में पेट्राल और डीजल पर क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर कमी की घोषणा की थी, इन ईंधनों पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) में कटौती नहीं करने वाले सात राज्यों में उपभोक्ताओं को अधिक दामों का बोझ झेलना पड़ा है, खास तौर पर पेट्राल के संबंध में।
खुदरा दामों के विश्लेषण से पता चला है कि इन सात राज्यों की राजधानी में पेट्रोल की औसत कीमतों में पिछले साल 3 नवंबर से इस साल 27 अप्रैल तक प्रति लीटर 4.66 रुपये का इजाफा हो चुक है।
इस अवधि के दौरान वैट में कटौती का फैसला करने वाले शेष राज्यों की राजधानियों में औसत उपभोक्ता कीमतों में प्रति लीटर 1.41 की गिरावट आई। पेट्रोल पर वैट में प्रति लीटर अधिकतम 10.08 रुपये की कटौती करने वाले पंजाब में इसी अवधि के दौरान दामोंं प्रति लीटर 6.4 रुपये की गिरावट आई। इस अवधि में हैदराबाद में दामों में प्रति लीटर पांच रुपये तक की वृद्धि देखी गई। विजाग में भी इस अवधि के दौरान पेट्रोल पर प्रति लीटर करीब 4.85 रुपये कीमत वृद्धि देखी गई।
जहां तक डीजल की बात है, तो जिन सात राज्यों ने अपने करों में कटौती का विकल्प नहीं चुना, उनकी राजधानियों में पिछले साल 3 नवंबर से इस साल 27 अप्रैल तक प्रति लीटर 1.82 रुपये की गिरावट देखी गई। इसके विपरीत डीजल पर वैट कम करने वाले सात राज्यों की राजधानी में उपभोक्ता के लिए दामों में प्रति लीटर औसतन 6.55 रुपये तक की गिरावट देखी गई।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के साझेदार दीपक माहुरकर ने कहा कि कराधान को विश्व स्तर पर ऐसे साधन के रूप में माना जाता है, जिसका उपयोग सरकारों द्वारा कई उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
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