आलू किसानों को मिलेंगे अच्छे दाम! | रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली May 06, 2022 | | | | |
इस साल आलू किसानों को आलू की अच्छी कीमत मिल सकती है। हालांकि इससे उपभोक्ताओं पर महंगे आलू की मार पड़ेगी। पिछले साल की तुलना में आलू महंगा होने की वजह इस साल आलू भंडारण का भाव अधिक होना है। साथ ही इस साल भंडारण कम होने से भी कीमतों में तेजी को बल मिल सकता है। इस साल बंगाल और पंजाब में आलू की पैदावार कम हुई, जबकि उत्तर प्रदेश में आलू की गुणवत्ता कमजोर है।
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल ने बताया कि इस साल पैदावार कम होने से आलू के कोल्ड स्टोर 85 फीसदी ही भरे हैं। इनमें 61-62 लाख टन आलू का भंडारण हुआ है, पिछले साल 70 लाख टन से अधिक भंडारण हुआ था। आलू का भंडारण 16 से 18 रुपये प्रति किलो के भाव पर हुआ है, पिछले साल 14-15 रुपये प्रति किलो पर भंडारण हुआ था। बंसल ने कहा कि उंचे भाव और भंडारण में कमी को देखते हुए इस साल आलू किसानों को ज्यादा कीमत मिलनी चाहिए। हालांकि अच्छी कीमत खरीफ सीजन में आलू की पैदावार पर भी निर्भर करेगी।
मध्य प्रदेश कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष हसमुख जैन गांधी ने कहा कि राज्य में करीब 12 लाख टन आलू का भंडारण हुआ है। आलू की गुणवत्ता भी अच्छी है और अब कोरोना की मार खत्म होने से चिप्स बनाने वाली कंपनियों की ओर से भी इस साल मांग ज्यादा रह सकती है। इसलिए इस साल आलू के दाम ज्यादा ही रहने चाहिए।
आगरा कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल कहते हैं कि आगरा में इस साल 85 फीसदी ही कोल्ड स्टोर भरे हैं, पिछले साल 90 फीसदी से अधिक स्टोर भरे थे। आगरा में करीब पांच करोड़ कट्टा (50 किलो) आलू का भंडारण हुआ है।
फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव राजेश गोयल ने बताया कि कोल्ड स्टोर में आलू भरने के दौरान असमय गर्मी पडऩे से इस साल काफी आलू दागी हो गया है। ऐसे में छटाई के दौरान काफी आलू बरबाद हो जाएगा। पंजाब व बंगाल में पैदावार कम हुई है। इन परिस्थितियों में अच्छे आलू की किसानों को ज्यादा कीमत मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश में आलू के 87 फीसदी कोल्ड स्टोर भर गए हैं, जो पिछले साल से थोड़ा ही कम हैं।
|