लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने अपनी दो सूचीबद्ध आईटी सेवा कंपनियों- एलटीआई और माइंडट्री के विलय की घोषणा की है। एलऐंडटी के प्रबंधन ने कहा कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी में बड़े सौदे हासिल करने और बड़ी कंपनियों से मुकाबले की तगड़ी संभावना होगी। यह विलय चालू वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा होने के आसार हैं। विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम बदलकर एलटीआईमाइंडट्री किया जाएगा। एलऐंडटी के समूह चेयरमैन ए एम नाइक ने कहा कि इस विलय से बेहतर समन्वय, परिसंपत्ति मूल्य संभव हो पाएगा और इससे ग्राहकों को ज्यादा लाभ मिलेगा। नाइक ने विलय की घोषणा के लिए संवाददाता सम्मलेन में कहा, 'हमारा मानना है कि इस विलय से सभी भागीदारों को फायदा मिलेगा। हमने देखा है कि दोनों कंपनियों का प्रदर्शन अन्य बड़ी कंपनियों से बेहतर रहा है। विलय से बनने वाली कंपनी के पास बड़ी चुनौतियों से निपटने और प्रभावी बनने की योजना पर खरा उतरने के लिए कौशल और संसाधन दोनों होंगे।' यह योजना शेयरधारकों और नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगी। यह योजना लागू होने पर माइंडट्री के सभी शेयरधारकों को एलटीआई के शेयर दिए जाएंगे। ये माइंडट्री के प्रत्येक 100 शेयरों के लिए एलटीआई के 73 शेयरों के अनुपात में दिए जाएंगे। एलटीआई के जारी नए शेयरों का कारोबार एनएसई और बीएसई पर होगा। इस विलय के बाद लार्सन ऐंड टुब्रो लिमिटेड के पास एलटीआई के पास 68.73 फीसदी शेयर होंगे। शेयर बाजार के आज के कारोबारी सत्र में विलय की खबरों के जोर पकडऩे से दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमतें लुढ़क गईं। दिन के कारोबार के अंत में एलटीआई का शेयर पिछले बंद स्तर के मुकाबले 3.64 फीसदी गिरकर 4,593 रुपये पर बंद हुआ। माइंडट्री का शेयर 3.88 फीसदी फिसलकर 3,374.65 रुपये पर बंद हुआ। समूह ने कहा कि उद्योग में हाल के बदलावों (जैसे बड़े सौदों को तरजीह, संपूर्ण पेशकश को तरजीह) से बड़ी कंपनियों को फायदा मिल रहा है। इसे मद्देनजर रखते हुए दोनों कंपनियों ने फैसला किया है कि दोनों संगठनों की ताकत को एकजुट करने का उचित समय है ताकि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। नाइक ने कहा कि इस समय दोनों कंपनियां अकेले औसतन करीब 2.5 करोड़ डॉलर के सौदे हासिल करने में सक्षम हैं, लेकिन विलय के बाद बनने वाली कंपनी 10 करोड़ डॉलर या उससे अधिक के सौदे भी हासिल करने में भी सक्षम होगी। नाइक ने कहा, 'इस समय दोनों कंपनियां जिन क्षेत्रों को सेवाएं देती हैं, उनमें से ज्यादातर एक-दूसरे से अलग हैं। माइंडट्री की अगुआ टीम जानती है कि वे किन क्षेत्रों में मजबूत हैं और एलटीआई की अगुआ टीम जानती है कि वे किन क्षेत्रों में मजबूत हैं। हालांकि कुछ छोटे-मोटे क्षेत्र में दोनों की मौजूदगी हो सकती है। लेकिन कुल मिलाकर मेरा मानना है कि यह दोनों कंपनियों का मूल्य बढ़ाने की शानदार योजना है।' माइंडट्री के वाइस चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन ने कहा, 'इस विलय से एक में एक जोड़कर पांच बनाने की महत्त्वाकांक्षा है। इस विलय का मकसद और विचार दोनों कंपनियों के तालमेल का लाभ उठाना है। हमने दोनों कंपनियों में 2026 तककी रणनीतिक योजना बनाई है, जिसे दोनों कंपनियों के बोर्डों ने मंजूरी दे दी है। उन लक्ष्यों को हासिल करने की योजना है। हम यह भी देखना चाहते हैं कि क्या विलय के बाद बनने वाली कंपनी उससे भी बड़े लक्ष्य हासिल कर सकती है।' अभी दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से काम करती रहेंगी। विलय की प्रक्रिया पूरी होने तक इस बदलाव की निगरानी के लिए एक नियंत्रक समिति बनाई जएगी।
