सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के प्रदर्शन की थाह लेने के लिए केंद्र ने नए मापदंड तय करने का फैसला किया है। अब सरकार निवेशकों के साथ उनकी कॉन्फ्रेंस कॉल, उनके पूंजी प्रबंधन और कर्ज जुटाने का इस्तेमाल पैमाने के तौर पर करेगा। केंद्र वित्त वर्ष 2022 में पीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए उनका मूल्यांकन उन नए मानदंडों के आधार पर करेगा, जिन्हें पिछले साल सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) ने निवेश एïवं साïर्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के साथ विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया था। सरकार ने करारों (एमओयू) में और शर्तें शामिल की थींं। इन एमओयू का इस्तेमाल सालाना लक्ष्य तय करने मेंं किया जाता है, जो साïर्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हर साल डीपीई के साथ करते हैं। इनमें सतत लाभांश नीति शामिल है, जिसमें पीएसयू के हर तिमाही में लाभांश देने की बात कही गई है। पीएसयू को अपने प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा सामूहिक रूप से तय परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्यों का अनुपालन करना होगा। केंद्र इन लक्ष्यों और उत्पादन तथा पूंजीगत व्यय से संबंधित लक्ष्यों के अलावा पीएसयू का आकलन उनके वित्तीय नतीजे घोषित करने के बाद निवेशक कॉन्फ्रेंस कॉल के आधार पर करेगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पीएसयू से कहा गया है कि वे अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने के बाद हर बार निवेशक कॉन्फ्रेंस कॉल आयोजित करें और विश्लेषकों तथा निवेशकों द्वारा प्रस्तावित विचारों और फीडबैक पर विचार करें। अधिकारी ने कहा, 'बहुत सी अच्छा प्रदर्शन करने वाली पीएसयू भी आदत की वजह से ऐसा नहीं कर रही हैं। उन्हें सूचीबद्धता के बाद ऐसे निवेशक या विश्लेषक कॉल करने पड़े और अब वे प्रबंधन के परिदृश्य और बयानों के आधार पर अपने शेयरों की कीमतोंं में बढ़ोतरी दर्ज कर रही हैं।' अधिकारी ने कहा कि पीएसयू से बेहतर पूंजी प्रबंधन अपनाने को कहा गया है और उनका मूल्यांकन इसके आधार पर होगा। सरकारी उपक्रमों से कहा गया है कि वे जरूरत पडऩे पर परियोजनाओं में पैसा लगाने के लिए आंतरिक कोष के बजाय कर्ज जुटाने का विकल्प चुनें। अधिकारी ने कहा, 'कंपनियों को परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए आंतरिक कोष के इस्तेमाल के बजाय कर्ज जुटाने पर कर छूट हासिल करने के लिए बेहतर विश्लेेषण आवश्यक होगा।' सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने की खातिर पीएसयू के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल से खरीद को अनिवार्य बनाया गया है। सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों की समीक्षा जेम पोर्टल से खरीद के आधार पर होगी। इसे पीएसयू साïर्वजनिक खरीद मॉनिटर-संबंध के आधार पर पिछले साल की कुल खरीद के प्रतिशत के रूप में देखा जाएगा। इसके अलावा एमएसएमई से खरीद और उन्हें समय से भुगतान के आधार पर भी मूल्यांकन किया जाएगा। शोध एवं नवोन्मेष, मानव संसाधन के स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को भी पीएसयू के लिए अनुपालन में शामिल किया गया है।
