परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों की मार्च तिमाही सुस्त रही | चिराग मडिया / मुंबई May 03, 2022 | | | | |
प्रतिफल पर दबाव के कारण सूचीबद्ध परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की मार्च तिमाही सुस्त रही। यूटीआई एएमसी का कर पश्चात लाभ सालाना आधार पर करीब 60 फीसदी घट गया, वहीं आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के लाभ में महज एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। एचडीएफसी सिक्यो. ने यूटीआई एएमसी पर रिपोर्ट में कहा है कि मुख्य परिचालन लाभ पर असर के कारण फंड हाउस की तिमाही कमजोर रही।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा, प्रतिफल में नरमी और कर्मचारियों की लागत में हुई बढ़ोतरी एबिटा मार्जिन मेंं कमी ला रहा है। एबिटा मार्जिन 36 फीसदी रहा, जो पांच तिमाही का निचला स्तर है। प्रबंधन की उस टिप्पणी पर हम सहज हैं कि निवेश का माहौल ठीक है और रिटायरमेंट सॉल्युशंस बिजनेस के बढ़त का परिदृश्य मजबूत है, लेकिन मध्यम अवधि में हम प्रतिफल पर लगातार पड़ रहे दबाव और कर्मचारियों की बढ़ती लागत को लेकर चिंतित बने हुए हैं।
यूटीआई एएमसी की परिचालन आय मार्च 2022 में समाप्त तिमाही में 301.2 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 289.2 करोड़ रुपये रही थी। दिसंबर तिमाही में भी फंड हाउस ने लाभ पर दबाव का सामना किया था, जिसका कारण उच्च प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों के स्लैब में कम कुल खर्च अनुपात के चलते प्रतिफल पर पड़ा दबाव था।
बाजार नियामक सेबी ने कई बदलाव किए हैं, जिसका लक्ष्य कुल खर्च अनुपात में कमी लाकर निवेश लागत में कमी लाना और निवेशक के अनुभव में सुधार लाना है।
निप्पॉन लाइफ इंडिया एएमसी पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा है, प्रतिफल पर दबाव की प्राथमिक वजह थी 1. नए निवेश पर कम प्रतिफल क्योंकि पुरानी परिसंपत्तियां बदली गईं 2. उच्च एयूएम स्लैब पर कुल खर्च अनुपात में कमी। चूंकि उच्च प्रतिफल वाला पुराना खाता अभी भी 50 फीसदी है, ऐसे में हमारा अनुमान है कि इक्विटी प्रतिफल पर मध्यम अवधि में दबाव बना रहेगा।
म्युचुअल फंडों को म्युचुअल फंड योजनाओं के प्रबंधन की खातिर कुछ निश्चित परिचालन खर्च मसलन बिक्री, विपणन, प्रशासनिक खर्च, लेनदेन की लागत, निवेश प्रबंधन शुल्क और पंजीकरण शुल्क आदि वसूलने की इजाजत है। म्युचुअल फंड योजनाओं के परिचालन व प्रबंधन की इस लागत को सामूहिक रूप से कुल खर्च अनुपात कहा जाता है, जो फंड की रोजाना की शुद्ध परिसंपत्ति का एक निश्चित प्रतिशत होता है।
म्युचुअल फंड की तरफ से वसूले जाने वाले अधिकतम कुल खर्च अनुपात में कमी आ रही है क्योंंकि फंड का आकार बढ़ रहा है। ऐसे में छोटे इक्विटी फंड 2.25 फीसदी की उच्च दर से कुल खर्च अनुपात वसूल सकते हैं, लेकिन 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा एयूएम वाले इक्विटी फंडों के मामले में अधिकतम कुल खर्च अनुपात घटकर महज 1.05 फीसदी रह गया है।
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