वैकल्पिक ईंधन कारोबारियों को प्राथमिकता क्षेत्र की उधारी ही एकमात्र समाधान: गडकरी | ध्रुवाक्ष साहा / नई दिल्ली May 03, 2022 | | | | |
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि वैकल्पिक ईंधन क्षेत्र में कारोबारियों को प्राथमिकता वाले क्षेत्र की उधारी दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक से बात की जाएगी।
हरित ईंधन शुरुआती चरण में है, ऐसे में इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए वित्तीय उपलब्धता सीमित है। गडकरी ने कहा कि उन्हें पेट्रोल व डीजल क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा में दिक्कत हो रही है, जिनके पास धन है।
रिजर्व बैंक की प्राथमिकता क्षेत्र की उधारी के तहत बैंकों को इस क्षेत्र में शामिल उद्योगों को कम ब्याज दर पर आसान उधारी देना होता है। उन्होंने वैकल्पिक ईंधन क्षेत्र से आह्वान किया कि वे छोटे परिचालन बंद करें और अगर वे पेट्रोल व डीजल से चलने वाले (आईसीई) वाहन के क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं तो हरित ऊर्जा में बदलाव पर मिल जुलकर व्यापक स्तर पर काम करें.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा, 'कुछ कारोबारी इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में विचार कर रहे हैं, कुछ बॉयोमास के क्षेत्र में और कुछ चीनी उद्योग को लेकर गंभीर हैं। इस तरह से वे परिचालन के विभिन्न डिब्बों में बैठे हुए हैं। अगर आप सभी (डीजल पेट्रोल व गैस छोड़कर) वैकल्पिक ईंधन के तहत एक बैनर के नीचे आते हैं और आगे की रूपरेखा पेश करते हैं तो यह हर किसी के लिए लाभदायक होगा।'
उन्होंने कहा कि इस सेक्टर के पास आंतरिक प्रतिस्पर्धा की सुविधा नहीं है, जब यह शुरुआती अवस्था में है। अगर आप अपनी ताकत से 20 गुना ज्यादा मेहनत करते हैं, तब भी डीजल व पेट्रोल का आयात कम करना मुश्किल होगा।
ऑटोमोबाइल 7.5 लाख करोड़ रुपये का क्षेत्र है। इसमें ज्यादातर पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहन हैं। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन ज्यादा लागत प्रभावी है, वहीं वाहन चलाने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा अभी पर्याप्त नहीं है। सरकार ईंधन स्टेशनों पर बायो ईंधन पंप को मंजूरी दे रही है।
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