भारत की सबसे बड़ी यात्री कार निर्माता मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) के लिए वृद्घि परिदृश्य सकारात्मक हो रहा है। जहां मजबूत बिक्री और कीमत वृद्घि से उसे राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी, वहीं जिंस कीमतों में नरमी और कर्ज स्तर में सुधार का परिचालन मुनाफा मार्जिन पर भविष्य में सकारात्मक असर पडऩे की संभावना है। अनुकूल रुझानों को देखते हुए वित्त वर्ष 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही परिणामों के बाद ब्रोकरों ने बिक्री वृद्घि और आय अनुमानों में सुधार किया है। मौजूदा परिदृश्य के अलावा, मूल्यांकन मार्च के निचले स्तर से उसकी शेयर कीमतों में 14 प्रतिशत की वृद्घि के बावजूद दीर्घावधि औसत से नीचे है। जहां आपूर्ति संबंधित समस्याओं से उत्पादन नुकसान को बढ़ावा मिला है, वहीं नई उत्पाद पेशकशों की मदद से मांग रुझान मजबूत बने हए हैं और ऑर्डर बुक पर भी इसका सकारात्मक असर दिखा है जो पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ी है। ऑर्डर बुक अभी 3.2 लाख वाहन पर है, जबकि पिछले साल दिसंबर में यह आंकड़ा 2.4 लाख वाहन था। पिछले साल नवंबर से, कार निर्माता ने कई अपडेट और नए वाहन-बलेनो, सेलेरियो वैगनआर, डिजायर सीएनजी, अर्टिगा और हाल में एक्सएल6 पेश किए हैं। सीएनजी वाहनों के लिए मांग मजबूत बनी हुई है और 40 प्रतिशत से ज्यादा मांग इस सेगमेंट से दर्ज की गई। कंपनी की पांच कारें सीएनजी वर्सन वाली हैं। हालांकि ये नई पेशकशें सकारात्मक हैं, लेकिन बाजार की नजर स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी)/मल्टीपर्पज व्हीकल सेगमेंट में नए उत्पादों पर लगी रहेगी, जिसकी कुल कार बाजार की भागीदारी लगातार बढ़ रही है और फिलहाल यह 38 प्रतिशत है। मारुति द्वारा कैलेंडर वर्ष 2022 और कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान इस सेगमेंट में चार नए मॉडल पेश किए जाने की उम्मीद है जिससे मौजूदा पोर्टफोलियो को मजबूती मिल रही है। मौजूदा पोर्टफोलियो में ब्रेजा, अर्टिगा, एक्सएल और एस-क्रॉस शामिल हैं। इन नई पेशकशों की सफलता बेहद जरूरी है, क्योंकि घरेलू कार बाजार में कंपनी की भागीदारी दो साल पहले के 54.4 प्रतिशत से गिरकर अब 44.8 प्रतिशत रह गई है। एसयूवी सेगमेंट में तेज वृद्घि के मुकाबले अब उसे एंट्री लेवल सेगमेंट की घटती भागीदारी और प्रतिस्पर्धा से भागीदारी में दबाव का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने वित्तीय नतीजों के बाद एक बाचतीत में कहा कि सरकारी नियमों, करों और ऊंची परिचालन लागत से एंट्री लेवल सेगमेंट पर दबाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि छोटी कारों के बाजार में ज्यादा अवसर नहीं रह गए हैं। हालांकि कंपनी द्वारा इस प्रतिस्पर्धी सेगमेंट में अपने देर से प्रवेश को देखते हुए भागीदारी फिर से हासिल करने की कंपनी की क्षमता पर ब्रोकरों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनिकेत म्हात्रे और सोनल शर्मा का मानना है कि कंपनी अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे आ रहे सुधार की प्रमुख लाभार्थी होगी और यूटिलिटी वाहनों (यूवी) में मजबूत ऑर्डर प्रवाह को देखते हुए भागीदारी पुन: बढ़ाने की स्थिति में होगी। उनका कहना है, 'हमारा मानना है कि यूटिलिटी वाहनों में बाजार भागीदारी नुकसान को लेकर चिंताएं ज्यादा बढ़ गई हैं, क्योंकि मारुति ने पहले अपनी क्षमता को साबित किया, और हमें उम्मीद है कि यह इस बार भी मजबूती दर्ज करेगी।' हालांकि ऐक्सिस कैपिटल के विश्लेषकों निशित जालाना का मानना है कि बाजार दिग्गज द्वारा 2011-12 से 2016-2017 तक की सफलता फिर से दोहराए जाने की संभावना नहीं है, जब वह सीमित प्रतिस्पर्धा के साथ अपेक्षाकृत नए सेगमेंटों पर दांव लगाने में सक्षम रही थी। उनके अनुसार इसकी वजह यह थी कि ज्यादा प्रतिस्पर्धी और उत्साह से जुड़े एसयूवी सेगमेंट में देर से प्रवेश से चुनौती पैदा होगी, खासकर उसकी वैल्यू ब्रांड के तौर पर मजबूत हो रही स्थिति को देखते हुए। जहां उसकी मौजूदा उपस्थिति को बढ़ती समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, वहीं बाजार भागीदारी नुकसान अगले तीन वर्षों में बढ़ेगा। खासकर लाभकारी एसयूवी सेगमेंट में, ऊंची बिक्री महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे प्राप्तियों और मुनाफे में सुधार आ सकता है। हालांकि हालात काफी हद तक जिंस कीमतों की चाल और सेमीकंडक्टर आपूर्ति पर निर्भर करेंगे। कंपनी को वित्त वर्ष 2022 में आपूर्ति समस्याओं की वजह से 270,000 वाहन के उत्पादन नुकसान का सामना करना पड़ा था। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च को वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में सुधार आने की संभावना है। ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक जिनेश गांधी का कहना है, 'एमएसआईएल के लिए मजबूत मांग और अनुकूल उत्पाद चक्र बाजार भागीदारी और मार्जिन के लिए अच्छा संकेत है।' आईडीबीआई कैपिटल का मानना है कि कंपनी वित्त वर्ष 2023 और 2023-24 में सर्वाधिक मुनाफा दर्ज कर सकती है। मौजूदा भाव पर यह शेयर अपने दीर्घावधि औसत के कुछ नीचे कारोबार कर रहा है।
