टाटा मोटर्स ने इस वित्त वर्ष तक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का सालाना उत्पादन बढ़ाकर 80,000 से ज्यादा पर पहुंच जाने की संभावना जताई है। इस मामले से अवगत अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 19,000 ईवी का निर्माण एवं बिक्री की थी। हालांकि भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता टाटा ने उत्पादन योजनाओं के बारे में कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है, लेकिन उनका कहना है कि ईवी बिक्री बढ़ती मांग (आपूर्ति के मुकाबले) की वजह से तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल टाटा ने मार्च 2026 तक 10 ईवी मॉडल पेश करने, नए वाहन ढांचों, संबंधित टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 2 अरब डॉलर का निवेश करने की योजनाओं की घोषणा की थी। भारत की ईवी बिक्री में टाटा का योगदान 90 प्रतिशत है। ईवी एक ऐसा सेगमेंट है जिसकी देश में करीब 30 लाख वाहनों की सालाना बिक्री में महज 1 प्रतिशत की भागीदारी बनी हुई है। शुक्रवार को टाटा मोटर्स एक ऐसी कॉन्सेप्ट कार को पेश करेगी जिसे उसने अपने पहले ईवी प्लेटफॉर्म पर तैयार करने की योजना बनाई है। कंपनी द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी में कहा गया है कि इस प्लेटफॉर्म पर निर्मित कारों को प्योर ईवी आर्कीटेक्चर कहा जाएगा और इन्हें वैश्विक बाजारों में पेश किया जाएगा। नया प्लेटफॉर्म टाटा की विद्युतीकरण योजनाओं के तीसरे चरण का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें निजी इक्विटी फर्म टीपीजी द्वारा पिछले साल एक अरब डॉलर के निवेश से मजबूती प्रदान की गई। पहले चरण में दो ईवी को पेश किया गया था नेक्सन एसयूवी और उसके अन्य मॉडल, जिन्हें मौजूदा कम्बश्चन इंजन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर तैयार किया जा रहा है। दूसरा चरण बड़ी बैटरियों और लंबी दूरी वाले ईवी निर्माण के लिए कम्बश्चन इंजन प्लेटफॉर्म में बदलाव लाने से जुड़ा हुआ है। इन कारों के करीब दो साल में बाजार में आने की संभावना है। वर्ष 2030 तक भारत कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक मॉडलों की 30 प्रतिशत तक भागीदारी चाहता है।
