एलआईसी आईपीओ 4 मई को | सुब्रत पांडा और समी मोडक / मुंबई April 28, 2022 | | | | |
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भारत के पूंजी बाजार का अब तक का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रही है। निर्गम के मूल्य दायरे का ऊपरी छोर 949 रुपये पर है और उसके हिसाब से यह बीमा दिग्गज 6.02 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।
एलआईसी दुनिया की चौथी सबसे मूल्यवान बीमा कंपनी होगी और चीन की पिंग आन इंश्योरेंस, एआईए ग्रुप तथा चाइना लाइफ ही उससे आगे होंगी। सकल लिखित प्रीमियम के मामले में यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी होगी। भारतीय जीवन बीमा कंपनियों में एलआईसी सूचीबद्घ होने वाली चौथी कंपनी होगी और उसका बाजार पूंजीकरण दूसरे नंबर की कंपनी का छह गुना होगा। एलआईसी ने आईपीओ का मूल्य दायरा 902 रुपये से 949 रुपये रखा है और निर्गम 4 मई को खुलेगा।
दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने संवाददाताओं से आज कहा, 'आकार घटाकर 21,000 करोड़ रुपये किए जाने के बाद भी एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।' सरकार पहले इसमें अपनी हिस्सेदारी का 5 फीसदी बेचना चाहती थी मगर बाद में उसने 3.5 फीसदी हिस्सा ही बेचने का फैसला किया।
आईपीओ का आकार घटाए जाने की तुक समझाते हुए पांडेय ने कहा, 'देश से अच्छी खासी मांग है और विदेश से दबी हुई मांग है। इसलिए दिक्कत भरे इस माहौल में निर्गम के सही आकार का फैसला करना बहुत जरूरी था। हमने वादा किया है कि अगले एक साल के भीतर एफपीओ नहीं लाएंगे।'
फिर भी मूल्यांकन को लेकर सवाल हैं। सरकार ने शुरुआत में डीआरएचपी में 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की योजना बनाई थी और इसके द्वारा एलआईसी 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मूल्यांकन पर करीब 65,000 करोड़ रुपये जुटा सकती थी। हालांकि बाद में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री को घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया गया और सरकार करीब 21,000 करोड़ रुपये ही जुटा रही है। इसमें इस दिग्गज बीमा कंपनी का मूल्यांकन इसके निहित मूल्य 6.02 लाख करोड़ रुपये का 1.1 गुना तय किया गया है। जब पांडेय से पूछा गया कि महज दो महीने में ही एलआईसी का मूल्यांकन कैसे घट गया तो उन्होंने कहा, 'यह कहना ठीक नहीं है कि दो महीने पहले एक निश्चित मूल्यांकन था।'
उन्होंने कहा, 'वे केवल अनुमान थे और लोग अटकलें लगा थे। एलआईसी का निहित मूल्य (ईवी) निकाला गया और इसका डीआरएचपी में खुलासा किया गया। डीआरएचपी के बाद विश्लेषक ने आंकड़ों पर विचार किया है। इसे लेकर सैकड़ों रोडशो किए गए थे, जहां इन सवालों का जवाब दिया गया है। मूल्यांकन प्रक्रिया असल में एक निर्धारण प्रक्रिया है क्योंकि आपको नहीं पता होता कि हम एलआईसी की किसके साथ तुलना कर रहे हैं।'
सरकार ने शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 खत्म होने से पहले मार्च में आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। हालांकि रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई। उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है क्योंकि भूराजनीतिक तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
पांडेय ने भरोसा जताया कि एंकर निवेशकों की मदद से एलआईसी आईपीओ की नैया पार लगाने में सफल रहेगी। एलआईसी के पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए निर्गम में छूट की भी पेशकश की गई है। पॉलिसीधारकों को प्रति शेयर 60 रुपये का और एलआईसी के कर्मचारियों को 45 रुपये की छूट पर शेयर आवंटित किए जाएंगे।
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