सागर की जगह राजीव रंजन! | मनोजित साहा / मुंबई April 25, 2022 | | | | |
अर्थव्यवस्था के लिए ब्याज दर तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में एक नया चेहरा आने वाला है, क्योंकि एक आंतरिक सदस्य मृदुल सागर इस माह के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सागर रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों में से एक हैं। उनके पोर्टफोलियो में आर्थिक व नीति शोध विभाग (डीईपीआर) और मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी) है।
मुख्य महाप्रबंधक सीतिकांत पटनायक और एमपीडी के सलाहकार प्रभारी राजीव रंजन को पहले ही कार्यकारी निदेशक के रूप में सूचीबद्ध किया जा चुका है। एमपीसी के लिए दोनों ही दावेदार हैं, वहीं सूत्रों ने कहा कि रंजन को समिति में लिए जाने की संभावना है। रंजन दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर और मुंबई विश्वविद्यालय से पीएचडी हैं।
एमपीसी के 6 सदस्यों में से 3 बाहरी सदस्य हैं। अन्य 3 सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर समिति के चेयरमैन हैं, डिप्टी गवर्नर मौद्रिक नीति के प्रभारी हैं और रिजर्व बैंक के एक अधिकारी केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित हैं। सामान्यतया एमपीडी का कार्यकारी निदेशक तीसरा आंतरिक सदस्य होता है।
जुलाई 2020 में जनक राज के सेवानिवृत्त होने पर सागर कार्यकारी निदेशक बने थे। राज एमपीडी के कार्यकारी निदेशक और एमपीसी के एक सदस्य थे।
मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक जून में प्रस्तावित है और नया सदस्य इस बैठक का हिस्सा होगा। नये सदस्य ऐसे समय में शामिल हो रहे हैं, जब ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। एमपीसी ने पिछली 11 बैठकों से ब्याज दरें यथावत बना रखी है और वृद्धि को बहाल करने के लिए बहुत ढीला रुख अपनाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण वृद्धि दर बुरी तरह प्रभावित हुई है। बहरहाल रूस द्वारा यूक्रेन में हस्तक्षेप के बाद स्थिति बदली है। भूराजनीतिक तनाव की वजह से जिंसों के दाम बढ़े हैं और कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर चल रही है। 2014 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है।
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