रणनीतिक खाके पर बात | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली April 22, 2022 | | | | |
वित्त मंत्रालय ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बैठक में उनके 3 साल के रणनीतिक खाके, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच आपसी साझेदारी और बुनियादी स्तर पर सुधारों को लागू करने को लेकर चर्चा की। केंद्र ने सरकारी क्षेत्र के कर्जदाताओं के साथ दो दिन के चर्चा की पहल की है। यह पीएसबी मंथन 2022 की पहली कड़ी है, जिसमें अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने और दीर्घावधि के हिसाब से मुनाफे की रणनीति पर बात होगी। शनिवार को वित्तीय समावेशन के मामले में बैंकों के प्रदर्शन पर चर्चा होगी।
पीएसबी मंथन 2019 के बाद बहाल हुआ है। इसका ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आगे और मजबूत करने व उन्हें बाजार से पूंजी जुटाकर आत्मनिर्भर बनाने और धन डालने को लेकर पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर न रहने पर है।
बैठक का एक मकसद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच आपसी साझेदारी की संभावना तलाशना है। बड़े कर्जदाताओं को कहा गया था कि वे बेहतरीन कार्यप्रणाली को छोटे बैंकों के साथ साझा करें, जहां ज्यादा विशेषज्ञता की जरूरत होती है। इस बैठक की अध्यक्षता वित्तीय सेवाओं के सचिव संजय मल्होत्रा ने की। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बैंकों को सलाह दी कि वे दीर्घावधि मुनाफे के लिए रणनीति तैयार करें और ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएं। बैंकरों के साथ विचार विमर्श में डिजिटल रूप से सक्षम ग्राहक केंद्रित उत्पादों को लागू करना, कर्ज के विस्तार के लिए व्यापक डेटा व एनालिटिक्स का इस्तेमाल करना और प्रशासन में सुधार के साथ कर्मचारियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल था। शनिवार को वित्त मंत्रालय समीक्षा करेगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं की दिशा में कितनी प्रगति की है, जिसकी घोषणा केंद्र ने की थी। साथ ही डिजिटल बैंकिंग यूनिट स्थापित करने पर भी बात होगी।
समीक्षा में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार सहित प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाते खोलने व काम में प्रगति पर ध्यान होगा। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की प्रमुख बीमा योजना प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेबीवाई) व जनधन खाता धारकों तक उनकी पहुंच की भी समीक्षा होगी। अधिकारी ने कहा कि योजना में कैसे सुधार हो, इस पर बैंकों की भी राय ली जाएगी और जो व्यावहारिक होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा।
इसके अलावा डिजिटल लेन-देन को आगे और गति देने पर भी चर्चा होगी, जिसमें डिजिटल बैंकिंग यूनिट स्थापित करने की शुरुआती तैयारियां शामिल हैं। इसकी घोषणा केंद्रीय बजट में की गई थी। बजट में देश के 75 जिलों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 75 डिजिटल बैंकों की स्थापना की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया योजना, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम एसवीएनिधि) किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने सहित अन्य योजनाओं पर भी चर्चा होनी है। इसके अलावा माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज बनाने और सरकार द्वारा घोषित कृषि केंद्रित पहलों पर भी विचार होगा।
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