पेटीएम पर खुदरा निवेशक मेहरबान | |
दीपशेखर चौधरी / बेंगलूरु 04 22, 2022 | | | | |
पेटीएम में खुदरा निवेशकों की शेयरधारिता मार्च तिमाही में बढ़कर करीब दोगुना हो गई। कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार, चौथी तिमाही में खुदरा निवेशकों की शेयर हिस्सेदारी बढ़कर 7.72 फीसदी हो गई जो तीसरी तिमाही में 3.49 फीसदी रही थी।
बीएसई पर पेटीएम का शेयर आज 2.28 फीसदी की गिरावट के साथ 626.50 रुपये पर बंद हुआ। गुरुवार को कंपनी का शेयर 2,150 रुपये के आईपीओ मूल्य के मुकाबले करीब 70 फीसदी की गिरावट के साथ 641 रुपये पर बंद हुआ था।
कंपनी के खुलासे से पता चलता है कि प्रमुख निवेशक कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) ने भी अपनी हिस्सेदारी को 1.57 फीसदी से बढ़ाकर 1.71 फीसदी कर लिया है। हालांकि पेटीएम के कुछ विदेशी निवेशक कंपनी से बाहर होते भी देखे गए। खबरों के अनुसार, चौथी तिमाही के दौरान भारतीय बाजार में कुल विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली 14.5 अरब डॉलर रही।
हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के लिए शेयरधारिता संबंधी आंकड़े जारी कर दिए हैं लेकिन खबरों से पता चलता है कि अप्रैल में भी देश के शीर्ष म्युचुअल फंडों और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (ओसीएल) के नए शेयरों की खरीदारी की है।
आईडीबीआई कैपिटल की मासिक एमएफ रिपोर्ट के अनुसार, महीने के दौरान शीर्ष 10 म्युचुअल फंडों ने अपने 'टॉप 10 न्यू एडिशंस' के तहत ओसीएल के शेयरों की खरीदारी की। यह खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी को हाल में निफ्टी नेक्स्ट 50 सूचकांक में शामिल किया गया था।
इस महीने के आरंभ में पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी विजय शेखर शर्मा ने विश्वास जताया था कि कंपनी अगली छह तिमाहियों में परिचालन एबिटा के मोर्चे पर न नफा न नुकसान की स्थिति हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी में उनका शेयर आवंटन तभी निहित होगा जब शेयर स्थायी तौर पर आईपीओ मूल्य को पार कर जाएगा।
कंपनी के शेयर में जबरदस्त गिरावट ऐसे समय में दिख रही है जब दुनिया भर में प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयर में तेजी आई है। हालांकि पेटीएम को विश्लेषकों की आलोचना का भी सामना करना है जिन्होंने ऋण वितरण और क्लाउड सेवा, गेमिंग, ई-कॉमर्स आदि श्रेणियों में कारोबारी मॉडल के सीमित पहुंच पर सवाल उठाए हैं।
तीसरी तिमाही के दौरान पेटीएम का राजस्व सालाना आधार पर 89 फीसदी बढ़कर 1,456 करोड़ रुपये हो गया जबकि उसका शुद्ध घाटा 45 फीसदी बढ़कर 778 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
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