सर्वोच्च स्तर पर आरआईएल का शेयर | |
विवेट सुजन पिंटो / मुंबई 04 22, 2022 | | | | |
मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का शेयर बीएसई पर अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जब ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने इस शेयर की लक्षित कीमत नई ऊर्जा पहल की पृष्ठभूमि में 20 फीसदी बढ़ाकर 3,523 रुपये कर दी।
आरआईएल का बाजार पूंजीकरण कारोबारी सत्र के दौरान उच्च स्तर पर पहुंचने के कारण 19 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया और इस तरह से 19 अक्टूबर 2021 के 2,732 रुपये प्रति शेयर के पिछले उच्चस्तर से पार निकल गया।
आरआईएल का शेयर पिछले चार कारोबारी सत्रों में करीब 10 फीसदी चढ़ गया है क्योंकि निवेशकों ने कंपनी की नई ऊर्जा पहल को लेकर दांव को सकारात्मक बताया है।
मॉर्गन स्टैनली ने 20 अप्रैल की रिपोर्ट में कहा है, साल 2030 के आखिर में हाइड्रोजन व अन्य हरित ऊर्जा पहल की हिस्सेदारी आरआईएल की आय में करीब 10 फीसदी होगी।
इसमें कहा गया है, 'हमें हाइड्रोजन की तेज बिक्री की उम्मीद के साथ आरआईएल की एनएवी (शुद्घ परिसंपत्ति वैल्यू) 10 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है। हमारा यह भी मानना है कि हाइड्रोजन आरआईएल के लिए 14-15 प्रतिशत आरओसीई (नियोजित पूंजी पर प्रतिफल) हासिल कर सकती है। चूंकि हाइड्रोजन व्यवस्था को पेश किया जा चुका है, इसलिए इससे आरआईएल के सौर संयंत्रों के लिए भी मांग बढ़ेगी।'
इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए आरआईएल ने वैश्विक तौर पर बेहद एकीकृत ग्रीन हाइड्रोजन कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है।
कंपनी ने अपना घरेलू सौर पैनल निर्माण बढ़ाने के लिए पिछले कुछ महीनों में आरईसी सोलर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया। उसने अम्बरी (लिक्विड मेटल बैटरियों के लिए), लिथियम वक्र्स (लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरियों) और फैराडियन (सोडियम आयन टेक्नोलॉजी) जैसी कंपनियों में हिस्सेदारी के साथ ऊर्जा भंडारण में क्षमताओं का अधिग्रहण किया है।
मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि जब आरआईएल की सौर पैनल क्षमता विकसित हो जाएगी, इससे न सिर्फ उसके मौजूदा रिफाइनिंग एवं रसायन परिसरों को बिजली मिलेगी बल्कि समुद्र से नजदीकी और गुजरात के जामनगर में मौजूदा जल प्रबंधन ढांचे को देखते हुए हाइड्रोजन उत्पादन में भी मदद मिलेगी। आरआईएल फिर इसे डेनमार्क की स्टीसडैल के साथ भागीदारी में अपने स्वयं के इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के साथ जोड़ेगी और ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल हरित रसायनों और उर्वरकों के निर्माण में करेगी।
आरआईएल ने सिंगापुर (जहां वर्ष 2030 तक एशिया में सबसे ज्यादा कार्बन कर होगा) जैसे उन प्रमुख बाजारों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन निर्यात करने की भी योजना बनाई है, जहां वह गैसोलिन और डीजल की आपूर्ति करती है। कंपनी 'ईस्ट-वेस्ट पाइपलाइन' के जरिये अपने दूरसंचार टावरों और मौजूदा केजी गैस उपभोक्ताओं के साथ साथ गुजरात के औद्योगिक इलाके को भी ग्रीन हाइड्रोजन की आपूर्ति कर सकती है।
मॉर्गन स्टैनली ने कहा है, '5,500 रिटेल फ्यूलिंग आउटलेट स्थापित करने के लिए आरआईएल की योजना खासकर ट्रकों और लंबी दूरी की बसों के लिए एच-2 मिश्रित सीएनजी से जुड़े राजमार्गों की उपस्थिति को देखते हुए ग्रीन हाइड्रोजन को तेजी से अपनाने में मदद के लिए जरूरी है।' मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि पीएलआई के जरिये सरकारी नीतिगत समर्थन के साथ, सौर पैनल निर्माण की निवेश लागत वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 15-20 प्रतिशत कम आएगी।
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