दिल्ली सरकार प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ बुधवार से विशेष अभियान चलाने जा रही है, जिसके तहत जहां भी पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं होगा, उन औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने 12 अप्रैल से प्रदूषण कम करने के लिए एंटी ओपन बर्निंग अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत अब तक 1,900 से अधिक स्थलों का निरीक्षण किया जा चुका है और खुले में आग जलाने वालों को नोटिस भी भेजे गए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 20 अप्रैल से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिन औद्योगिक इकाइयों में पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली मेंं प्रदूषित ईंधन पर चलने वाली सभी 1,607 औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है और यदि कोई भी औद्योगिक इकाई पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएगी, तो उन पर विभाग द्वारा उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी। राय ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण की ग्रीष्मकालीन कार्य योजना के तहत शुरू किए गए एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत अब तक 1,915 स्थलों का निरीक्षण किया गया और कई बार लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया गया है। नियमों का उल्लंघन करते पाए गए 21 लोगों को नोटिस/चालान जारी किए गए हैं। यह अभियान 12 मई तक चलेगा। इसके तहत 10 विभागों की 500 टीमें तैनात की गई है, जो 24 घंटे दिल्ली में खुले में आग चलाने की घटनाओं की निगरानी और रोकने के लिए त्वरित कदम उठा रही है। लैंडफिल साइट पर आग की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए एमसीडी को सभी उचित कदम उठाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। दिल्ली में लैंडफिल साइट पर आग की बढ़ती घटनाओं के समाधान को लेकर 21 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में डीपीसीसी, एमसीडी, आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, डीटीयू, सीएसई और अन्य सभी संबंधित विभागों के विशेषज्ञों के साथ उच्चस्तरीय बैठक रखी गई है।
