प्रमुख आईटी कंपनियों के प्रदर्शन के मापक बीएसई आईटी सूचकांक में इन्फोसिस द्वारा निराशाजनक वित्तीय नतीजों से हुई भारी बिकवाली के बाद करीब दो साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता इन्फोसिस का मार्च 2022 की तिमाही का लाभ मार्जिन दबाव और बढ़ती लागत की वजह से अनुमानों से कम रहा। वित्तीय नतीजों के आंकड़ों से इसे लेकर आशंका बढ़ गई है कि महामारी के बाद की तेजी समाप्त हो सकती है और वृद्घि सामान्य होने से शेयरों में रेटिंग घटने को बढ़ावा मिल सकता है। इन्फोसिस का शेयर 7.3 प्रतिशत घटकर 1,621 रुपये पर बंद हुआ। इस शेयर ने दिन के कारोबार ने आठ महीने में अपना सबसे निचला स्तर छुआ है। बीएसई आईटी सूचकांक 4.76 प्रतिशत नीचे आ गया, जो 4 मई 2020 के बाद से उसकी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी आईटी सूचकांक में 4.6 प्रतिशत की कमजोरी आई और एम्फेसिस में 5.6 प्रतिशत, टेक महिंद्रा में 4.7 प्रतिशत और एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज में 4.5 प्रतिशत की कमजोरी आई। इससे पहले नंबर एक सॉफ्टवेयर निर्यातक टीसीएस के आंकड़े भी अनुमान से कुछ हद तक कम रहे। टीसीएस का शेयर सोमवार को 3.7 प्रतिशत की गिरावट का शिकार हुआ। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीष बालिगा ने कहा, 'टीसीएस का परिणाम मिश्रित था, लेकिन इन्फोसिस के आंकड़े निराशाजनक थे। इन्फोसिस के लिए, प्रबंधन की टिप्पणी कमजोरियों को लेकर थी। ज्यादा संख्या में लोगों को ऐसे आंकड़ों की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि हम आईटी क्षेत्र में ऑर्डर प्रवाह प्रभावित होने की उम्मीद नहीं कर रहे थे।' कुछ विश्लेषकों का कहना है कि आईटी शेयरों में सोमवार की गिरावट वैश्विक आईटी शेयरों में बिकवाली की वजह से भी थी। इक्विनोमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, 'परिणाम उम्मीदों से ज्यादा अलग नहीं थे। नैस्डैक का एक वर्षीय प्रतिफल अब नकारात्मक हो गया है, जिससे धारणा प्रभावित हो रही है।' आईटी सेगमेंट महामारी के बाद के समय में शानदार प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र रहा है। हालांकि इस साल उत्साह कुछ कम हुआ है, क्योंकि निवेशकों ने अपनी उम्मीदें कम की हैं। विश्लेषकों का कहना है कि आईटी कंपनियों पर जिन मुख्य कारकों का प्रभाव पड़ रहा है, वे हैं सामान्य से ज्यादा वेतन वृद्घि और यात्रा और वीजा लागत जैसे डिस्क्रेशनरी खर्च सामान्य होना। जहां आईटी कंपनियां इन दबाव को कम करने के लिए कीमतें बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, वहीं विश्लेषकों का कहना है कि इसमें कुछ समय लगेगा और अल्पावधि में मार्जिन पर दबाव बना रहेगा। इस ताजा गिरावट के बाद, बीएसई आईटी सूचकांक इस साल अब तक के आधार पर 13 प्रतिशत गिर चुका है। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स में 4 प्रतिशत से कम की गिरावट आई है। इस गिरावट से मूल्यांकन में नरमी को बढ़ावा मिला है जो इस साल के शुरू में ऐतिहासिक स्तरों पर पहुंच गया था।
