एसऐंडपी इंडेक्सेज वर्सेज ऐक्टिव फंड्स (एसपीआईवीए) इंडिया स्कोरकार्ड के अनुसार हरेक दो भारतीय इक्विटी लार्जकैप फंडों में से एक ने दिसंबर 2021 को समाप्त एक साल की अवधि में बीएसई-100 के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया। बीएसई-100 में पिछले साल 26 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। समान अवधि में, 50 प्रतिशत भारतीय इक्विटी मिड-/स्मॉल-कैप, और 27 प्रतिशत भारतीय ईएलएसएस फंडों ने अपने संबद्घ बेंचमार्कों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया। डेट श्रेणी में, 79 प्रतिशत भारतीय सरकारी बॉन्डों और 62 प्रतिशत भारतीय कम्पोजिट बॉन्ड फंडों का प्रदर्शन बेंचमार्कों के मुकाबले कमजोर रहा। दिसंबर 2021 में समाप्त 6 महीने की अवधि में 54 प्रतिशत लार्जकैप फंडों ने बेंचमार्कों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया, जबकि 39 प्रतिशत ऐक्टिव ईएलएसएस और 37 प्रतिशत एक्टिव मिड और स्मॉलकैप फंडों ने अपने संबद्घ बेंचमार्क के मुकाबले खराब प्रदर्शन किया। लार्जकैप फंडों के लिए कमजोर प्रदर्शन लंबी अवधियों के दौरान ज्यादा दर्ज किया गया। तीन वर्षीय अवधि के दौरान, 70 प्रतिशत ऐसे फंडों ने बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया, जबकि 82 प्रतिशत ने 5 वर्षीय अवधि के मुाकबले ऐसा प्रदर्शन किया। फंडों ने 10 वर्षीय अवधि के दौरान कुछ हद तक बेहतर प्रदर्शन किया। ईएलएसएस और मिड/स्मॉलकैप श्रेणियों में ऐक्टिव फंडों ने अपने बेंचमार्कों के मुकाबले प्रतिफल के संदर्भ में बेहतर प्रदर्शन किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 63 प्रतिशत ईएलएसएस फंडों और 46 प्रतिशत मिड और स्मॉलकैप फंडों ने तीन वर्षीय अवधि के दौरान अपने संबद्घ बेंचमार्कों के मुकाबले खराब प्रदर्शन किया। वहीं पांच वर्षीय अवधि के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 79 प्रतिशत और 58 प्रतिशत हो गया। भले ही 10 वर्षीय अवधि के दौरान ऐसे करीब 60 प्रतिशत फंड बेंचमार्कों से पीछे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेट फंडों ने लंबी अवधि के दौरान, बॉन्ड श्रेणी में ऐक्टिव फंडों ने अपने संबद्घ बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन दर्ज किया। उदाहरण के लिए, 76 प्रतिशत भारतीय सरकारी बॉन्ड और 88 प्रतिशत भारतीय कम्पोजिट फंड पांच वर्षीय अवधि के दौरान अपने बेंचमार्कों से पीछे रहे। एसऐंडपी डाउ जोंस इंडेक्सेज में ग्लोबल रिसर्च ऐंड डिजाइन के सहायक निदेशक आकाश जैन ने कहा, 'दिसंबर 2021 में समाप्त एक वर्षीय अवधि के दौरान, मिड/स्मॉलकैप एसपीआईवीए इंडिया स्कोरकार्ड में शामिल इक्विटी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली फंड श्रेणी थी। इस श्रेणी के लिए बेंचमार्क बीएसई 400 मिडस्मॉलकैप इंडेक्स समान अवधि में 51 प्रतिशत तक चढ़ा था। ऐक्टिव फंडों की इस श्रेणी में बाजार कारोबारियों ने फंड प्रतिफल में बड़ा अंतर दर्ज किया, क्योंकि पहली और तीसरी तिमाही में अंतर 19 प्रतिशत था जिससे फंड चयन में चुनौतियां पैदा हुई थीं।' ऐक्टिव फंडों का कमजोर प्रदर्शन, खासकर लार्जकैप फंडों का, म्युचुअल फंड उद्योग के लिए चिंता बना हुआ है। पिछले साल, फिनिटी द्वारा पैसिव निवेश पर जारी रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि पैसिव परिसंपत्तियां वर्ष 2025 तक 25 लाख करोड़ रुपये की एयूएम को पार कर जाएंगी, जो मार्च 2021 में 3 लाख करोड़ रुपये पर थी। यह 8 गुना से ज्यादा की वृद्घि है।
