सेबी में पूर्णकालिक सदस्यों के दो पद खाली | समी मोडक और श्रीमी चौधरी / मुंबई/नई दिल्ली April 14, 2022 | | | | |
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में पूर्णकालिक सदस्यों (डब्ल्यूटीएम) के दो पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे बाजार नियामक पर काम का बोझ बढ़ रहा है।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने मार्च में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक अश्विनी भाटिया की डब्ल्यूटीएम के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी थी। अलबत्ता प्रक्रियात्मक मसलों की वजह से उनके शामिल होने में देरी हो गई है। इस बीच सरकार द्वारा चौथे सदस्य की नियुक्ति के संबंध में अंतिम फैसला किया जाना
बाकी है। पिछले साल के आखिर में जी महालिंगम और माधवी पुरी बुच का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रतिभूति और जिंस नियामक पर केवल दो पूर्णकालिक सदस्यों - एसके मोहंती और अनंत बरुआ के साथ काम करने का दबाव बन गया है। पुरी बुच ने मार्च में सेबी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। सूत्रों ने कहा कि भाटिया एसबीआई में अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि उनके इस्तीफे पर आगे की प्रक्रिया अभी बाकी है, जिससे सेबी में शामिल होने में देरी हो रही है। इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सेबी में शामिल होने के लिए भाटिया की नियुक्ति संबंधी औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।
एक सरकारी सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कभी-कभार इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, क्योंकि संबंधित कैडर के नियंत्रक प्राधिकारी को चयनित उम्मीदवार के लिए अनापत्ति देने होती है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में कुछेक सप्ताह का समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए काफी सारी अंतर-विभागीय मंजूरी की जरूरत होती है।
भाटिया को कार्यभार ग्रहण करने की तारीख के बाद से तीन साल की शुुरआती अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। अगस्त 2020 में उन्हें एसबीआई के प्रबंध निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था। इससे पहले वह एसबीआई म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सेबी में प्रमुख पदों को खाली रखने से बाजार का विकास बाधित हो सकता है और प्रवर्तन कार्रवाई जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
जनवरी में सेबी में पूर्णकालिक सदस्यों के दो पदों को भरने के लिए कम से कम सात उम्मीदवारों को छांटा गया था। उनका साक्षात्कार भी उसी महीने आयोजित किया गया था।
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