पाम तेल के आयात में उछाल | रॉयटर्स / मुंबई April 13, 2022 | | | | |
मार्च में भारत के पाम तेल आयात में पिछले महीने के मुकाबले 18.7 फीसदी की उछाल आई। आज एक अग्रणी व्यापार संगठन ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि व्यापारियों ने सूरजमुखी के तेल के सुरक्षित विकल्प पर जोर दिया है क्योंकि यूक्रेन से अब ज्यादा समय तक सूरजमुखी के तेल का आयात संभव नहीं रह गया है।
भारत द्वारा पाम तेल की अधिक खरीदारी से मलेशिया के पाम तेल वायदा कारोबार को दम मिल सकता है। भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। मार्च महीने में देश में 5,39,793 टन पाम तेल का आयात किया गया जो फरवरी में किए गए 4,54,794 टन से अधिक है। यह जानकारी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक वक्तव्य जारी कर दी है।
वक्तव्य में कहा गया कि भारत ने मार्च में 2,12,484 टन सूरजमुखी तेल का आयात किया था जो फरवरी में किए गए 1,52,220 टन से अधिक है। ऐसा युद्घ शुरू होने से पहले यूक्रेन द्वारा भेजी गई कुछ खेपों के भारत पहुंचने से हुआ। वक्तव्य में कहा गया, 'चूंकि अप्रैल में यूक्रेन से कोई खेप नहीं आई लिहाजा सूरजमुखी के तेल का आयात घटकर 80,000 टन के आसपास रह सकता है। यह खेप मुख्य तौर पर केवल रूस और अर्जेंटिना से आएगी।'
भारत ने रिकॉर्ड उच्च कीमत पर रूस से 45,000 टन सूरजमुखी के तेल के आयात का अनुबंध किया है। भारत को यह करार इसलिए करना पड़ा कि यूक्रेन से आपूर्ति में कमी आने के बाद स्थानीय बाजार में खाद्य तेलों के दाम बढऩे लगे थे। एसईए ने कहा कि देश में सोयाबीन तेल का आयात फरवरी के 3,76,594 टन के मुकाबले घटकर मार्च में 2,99,421 टन रह गया।
किसान संगठनों ने नहीं तय किए नाम
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि केंद्र अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मामले पर गौर करने के लिए समिति गठित को लेकर किसान संगठनों की तरफ से सदस्यों के नामों का इंतजार कर रहा है। पिछले साल कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि एमएसपी प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। भाषा
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