देश की सबसे बड़ी व दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही के दौरान नौकरी छोडऩे की दर 17.4 फीसदी रही, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। तिमाही नतीजे के बाद प्रबंधन ने कहा कि नौकरी छोडऩे की दर में नरमी से पहले यह और ज्यादा बढ़ेगी। विश्लेषकों का मानना है कि टीसीएस में अल्पावधि के दौरान नौकरी छोडऩे की दर 20 फीसदी को छू सकती है। यह दूसरा मौका है जब टीसीएस में नौकरी छोडऩे की दर इतनी ऊंची रही। इससे पहले वित्त वर्ष 2015 की दूसरी तिमाही में यह 16.2 फीसदी पर पहुंच गई थी। अगर समकक्ष कंपनियोंं से तुलना करें तो 17.4 फीसदी की दर सबसे कम होगी, लेकिन कंपनी के लिए यह सबसे ऊंची दर है। उदाहरण के लिए एक्सेंचर की नौकरी छोडऩे की दर फरवरी 2018 में समाप्त दूसरी तिमाही में 18 फीसदी थी, जो पहली तिमाही में 17 फीसदी रही थी। कंपनी ने कहा कि नियुक्ति के अब तक के सर्वोच्च आंकड़े के साथ नौकरी छोडऩे की ऊंची दर कम होगी। वजह यह है कि उद्योग भी काफी नियुक्तियां कर रही है, यह आपूर्ति पक्ष पर दबाव घटाएगा। वित्त वर्ष 22-22 में कंपनी ने चौथी तिमाही में 35,209 लोग जोड़े और कुल कर्मियों की संख्या 5,92,195 हो गई। यह अब तक की सर्वोच्च तिमाही नियुक्ति है। वित्त वर्ष 22 में कंपनी ने एक लाख से ज्यादा कर्मी जोड़े, जो वित्त वर्ष 21 में हुई शुद्ध नियुक्ति का 2.5 गुना है। कंपनी ने कहा, आने वाले समय यानी वित्त वर्ष 23 में भी इतनी ही नियुक्ति जारी रखेगी। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाहियों में टीसीएस का लक्ष्य 40,000 लोगों को जोडऩे का है।
