देश में इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार में किसी भी एक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 10 फीसदी से अधिक नहीं है। ऐसे में बजाज ऑटो इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार में अपना वर्चस्व हासिल करने की पहल कर सकती है। कंपनी जून में इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा की शृंखला उतारने जा रही है। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि उसे इलेक्ट्रिक तिपहिया श्रेणी में भी पारंपरिक तिपहिया बाजार की ही तरह सफलता मिलेगी। बजाज ऑटो पारंपरिक तिपहिया बाजार में 63 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ अग्रणी कंपनी बनी हुई है। क्या कंपनी इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार में भी अग्रणी स्थिति हासिल कर सकती है? कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री रफ्तार पकड़ रही है। हायतोंग सिक्योरिटीज के अनुसार, बजाज ऑटो ने फरवरी 2022 में 19,053 वाहनों की बिक्री की जो घरेलू बाजार में तिपहिया वाहनों की कुल बिक्री (पारंपरिक एवं इलेक्ट्रिक) के मुकाबले 41 फीसदी है। वाईसी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 1,836 वाहनों की बिक्री और करीब 10 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार की सबसे बड़ी कंपनी थी। इस श्रेणी में मौजूद एक मात्र बड़ी कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा है जो फरवरी में 7.1 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे पायदान पर थी। हालांकि इस श्रेणी में शीर्ष छह कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी कुल बाजार के मुकाबले 33 फीसदी से कम है। जबकि शेष बाजार में तमाम छोटी कंपनियां मौजूद हैं। बजाज ऑटो ने विकल्प के तौर पर बैटरी स्वैपिंग की ओर रुख न करने का निर्णय लिया है क्योंकि इससे कुल वाहन लागत काफी बढ़ जाती है। इसके बजाय कंपनी ने अपने वाहनों को चार्जिंग की सुविधा के साथ उतारने का निर्णय लिया है। कंपनी इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार की विभिन्न श्रेणियों को भी कवर करने की योजना बना रही है। इसमें विभिन्न श्रेणियों के लिए छोटे और बड़े वाहन शामिल हैं। तिपहिया बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ रही है। फरवरी में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले इसमें 55 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा कंपनी कुल तिपहिया वाहन (पारंपरिक एवं इलेक्ट्रिक) बाजार में भी अपनी बाजार हिस्सेदारी तेजी से बढ़ा रही है। घरेलू बाजार में हुई बिक्री पर गौर करने से पता चलता है कि अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 के बीच कुल तिपहिया बिक्री में इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक थी। हालांकि पारंपरिक तिपहिया वाहनों का निर्यात आंकड़ा काफी बड़ा है। इस दौरान 4,61,195 पारंपरिक तिपहिया वाहनों का निर्यात किया गया। इन दोनों आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि कुल बिक्री (घरेलू एवं निर्यात) में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी घटकर करीब 25 फीसदी रह गई है। भारत से शायद ही किसी इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन का निर्यात हुआ है। बहरहाल, जून में बजाज ऑटो द्वारा इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों को बाजार में उतारे जाने के बाद स्थिति बदल सकती है। कंपनी तिपहिया वाहनों का सबसे अधिक निर्यात करती है और वह इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के निर्यात को रफ्तार देने में भी समर्थ है।
