अपने अक्षय ऊर्जा कारोबार को इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के तौर पर अलग कर कर्ज घटाने की टाटा पावर की योजना ने मार्च के आखिर की समयसीमा पार कर ली है। कंपनी ने अपना सकल कर्ज इनविट ढांचे के साथ 49,000 करोड़ रुपये से घटाकर 25,000 करोड़ रुपये से नीचे ले जाने की योजना बनाई है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इसके लिए पहले मार्च 2021 की समयसीमा का जिक्र किया था लेकिन कोविड-19 के अवरोध के कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। इनविट्स के जरिए बुनियादी ढांचे से जुड़ी परिसंपत्तियों का परिचालन व प्रबंधन होता है और उसका स्वामित्व भी उसी के पास होता है। इनविट के स्वामित्व वाले कारोबार से होने वाली नकदी प्रवाह का वितरण यूनिटधारकों के बीच होता है। इस साल मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में टाटा पावर ने पेट्रोनास और ब्रुकफील्ड समेत कई संभावित निवेशकों से दोबारा बातचीत शुरू की थी, लेकिन कोई सौदा नहींं हो पाया। टाटा पावर की सहायक टाटा पावर रीन्यूएबल एनर्जी अभी टाटा पावर की गैर-फॉसिल ऊर्जा सृजन क्षमता साल 2025 तक कुल क्षमता का करीब 60 फीसदी करने की पहल में अग्रणी भूमिका में है। टाटा पावर रीन्यूएबल एनर्जी और वलवाहन रीन्यूएबल एनर्जी का संयुक्त पोर्टफोलियो करीब 2.7 गीगावॉट बिजली सृजित करता है, जो टाटा पावर की कुल उत्पादन क्षमता का करीब 30 फीसदी है। एक बैंकर ने कहा, कर्ज घटाने के लिए कंपनी टाटा पावर रीन्यूएबल एनर्जी को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराने पर विचार कर सकती है। सोमवार को टाटा पावर का शेयर 1.73 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 283 रुपये पर बंद हुआ। इस बारे में जानकारी के लिए टाटा पावर को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
