अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में उछाल से टूटे शेयर बाजार | बीएस संवाददाता / मुंबई April 11, 2022 | | | | |
अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में तेज बढ़ोतरी के कारण वैश्विक बाजारों के लिए कमजोर संकेतों के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में सोमवार को गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा कंपनियों के नतीजे के सीजन की शुरुआत से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख भी अपनाया। बेंचमार्क सेंसेक्स 482 अंकों की गिरावट के साथ 58,964 पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 109 अंकों की फिसलन के साथ 17,675 अंक पर बंद हुआ।
10 साल वाले अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल 2.75 फीसदी से ऊपर रहा। बढ़ती महंगाई को लेकर चिंता और फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति की योजना से पिछले एक महीने में प्रतिफल 100 आधार अंक चढ़ा है। भारत का 10 वर्षीय प्रतिफल तीन साल के उच्चस्तर को छू गया और उसकी ट्रेडिंग 7.15 फीसदी पर हुई। बॉन्ड के बढ़ते प्रतिफल को इक्विटी बाजारों के लिए नकारात्मक माना जाता है, कम से कम अल्पावधि के लिए।
एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज हुई क्योंंकि चीन कोविड के प्रसार का सामना कर रहा है और तकनीकी क्षेत्र को लेकर नियामकीय चिंता भी है। ब्रेंट क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन कोरोना के प्रसार से निपटने के लिए जूझ रही है, ऐसे में तेल पिछले एक पखवाड़े में 15 फीसदी टूट गया है। चीन में कोरोना के प्रसार ने इस डर को दोबारा लौटा दिया है कि आपूर्ति शृंखला के अवरोध और गंभीर होंगे और महंगाई बढ़ेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, महंगाई में तेजी का जोखिम और दुनिया के कुछ इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामले बाजार की गति तय करते रहेंगे। देसी बाजार पिछले कुछ सत्रों में 250 अंकों के दायरे में फंस गया है। निफ्टी अपनी रिकवरी बनाए रखने में सक्षम नहीं हो पा रहा और हर तेजी पर बिकवाली का सामना कर रहा है।
निवेशक इस महीने तिमाही नतीजों पर बारीकी से नजर रखेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, मंगलवार को शुरुआती कारोबार में बाजार टीसीएस के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया जताएगा। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के संकेतों पर भी नजर रहेगी। भागीदार सतर्क रुख बनाए रखेंगे और शेयर विशेष में कारोबार का तरीका अपनाएंगे।
ब्याज दरों पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक समेत कई केंद्रीय बैंकों के फैसले और अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य के आंकड़े भी बाजार की चाल तय कर सकते हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सोमवार को 1,145 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि देसी संस्थान 487 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे।
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