भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए कीमतों में कटौती का सुझाव दिया है। ट्राई ने 3300 से 3670 मेगाहट्र्ज बैंड पर प्रमुख 5जी स्पेक्ट्रम की आरक्षित कीमत 35 फीसदी घटाकर 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज करने की आज सिफारिश की। 5जी स्पेक्ट्रम पर बहुप्रतीक्षित सिफारिशें जारी करते हुए ट्राई ने कहा कि मौजूदा 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज और 2500 मेगाहट्र्ज बैंड में उपलब्ध समूचे स्पेक्ट्रम के साथ ही 600 मेगाट्र्ज, 3300-3670 मेगाहट्र्ज और 24.25-28.5 गीगाहट्र्ज के नए स्पेक्ट्रम बैंड को नीलामी में रखा जाएगा। ट्राई ने कहा, 'दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सहूलियत के लिए 3300-3670 मेगाहट्र्ज बैंड पर 10 मेगाहट्र्ज ब्लॉक और 24.25-28.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर 50 मेगाहट्र्ज के लिए बोली लगाने की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की गई है।' सूत्रों ने कहा कि विभिन्न बैंडों पर आरक्षित मूल्य पिछली सिफारिश की तुलना में तकरीबन 39 फीसदी कम हैं। 3300-3670 मेगाहट्र्ज बैंड के 5जी स्पेक्ट्रम के लिए देश भर के लिए आरक्षित मूल्य 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज रखने की सिफारिश की गई है, जो ट्राई की पिछली सिफारिश 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज से करीब 35 फीसदी कम है। दूरसंचार नियामक ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में स्थायित्व और दीर्घावधि की वृद्घि, तरलता बढ़ाने और निवेश प्रोत्साहित करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आसान भुगतान विकल्प की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसमें किस्तों में भुगतान और मॉरेटोरियम जैसी सुविधा हो सकती है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 2022 में की जानी प्रस्तावित है ताकि निजी दूरसंचार ऑपरेटर 2022-23 तक देश में 5जी सेवाएं शुरू कर सकें। अगली पीढ़ी का 5जी स्पेक्ट्रम बेहद तीव्र रफ्तार वाला और नए जमाने की सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम है।
