कृषि निर्यात के बारे में राजनयिक वार्ता | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली April 10, 2022 | | | | |
भारत ने कृषि उत्पादों के आयात पर इंडोनेशिया के साथ विवाद समाप्त करने के लिए कूटनीतिक शक्ति का इस्तेमाल किया है और उसे उम्मीद है कि भारत से निर्यात जल्द शुरू हो जाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय व अन्य सूत्रों कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारत के इंडोनेशिया स्थित राजदूत ने इंडोनेशिया एग्रीकल्चर क्वारंटाइन एजेंसी के महानिदेशक से बात की, जबकि भारत में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इंडोनेशिया के दूतावास से संपर्क कर समस्या के समाधान की कवायद की है।
भारत से इंडोनेशिया भेजे जाने वाले कृषि उत्पादों में अप्रत्याशित ठहराव आया, जब भारत स्थित एजेंसियों को दिए गए प्रमाणन की मंजूरी पर प्राधिकारियों ने रोक लगा दी। ये एजेंसियां या प्रयोगशालाएं प्रमाणपत्र जारी करती हैं, जो इंडोनेशिया को कृषि उत्पाद भेजे जाने के लिए अनिवार्य है और उनके लाइसेंंस 25 मार्च तक वैध थे।
बहरहाल सूत्रों ने कहा कि भारत सभी जरूरी दस्तावेज इंडोनेशिया के दूतावास के माध्यम से फरवरी के अंतिम सप्ताह में भेजा है, जिसमें पिछले 3 साल के आंकड़े शामिल हैं। यह लाइसेंंस के नवीकरण के लिए किया गया है। इंडोनेशिया के प्राधिकारियों ने एक आदेश मेंं 23 मार्च को सभी लाइसेंस रद्द कर दिए, जो भारत स्थित एजेंसियों को उसने दिया था। प्राधिकारियों ने कहा था कि नए सिरे से इसके लिए आवेदन किया जाना चाहिए।
2020-21 में इंडोनेशिया ने एपीडा प्रमाणित 69.2 करोड़ डॉलर के उत्पादोंं का भारत से आयात किया था। इसमें चावल, मूंगफली, गेहूं, प्याज और डेयरी व पॉल्ट्री उत्पाद शामिल हैं। डेयरी और पॉल्ट्री उत्पादों को इस प्रमाणन प्रतिबंध से अभी बाहर रखा गया है।
आयात के हिसाब से देखें तो भारत इंडोनेशिया के पाम ऑयल के बड़े खरीदारों में से एक है और अपनी मासिक जरूरतों का करीब 30 प्रतिशत कच्चे व रिफाइंड पाम ऑयल का आयात इंडोनेशिया से करता है।
व्यापार से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘इसे समझें। जिस तरह हम निर्यात फिर से शुरू करने को इच्छुक हैं, इंडोनेशिया भी जल्द से जल्द कारोबार शुरू करना चाहता है।’
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