सरकारी अधिकारियों ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ के लिए प्रमुख मंत्रियों की समिति से अप्रैल के मध्य या अंत तक तारीख सुझाने को कहा है। मंत्रियों की समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। समिति द्वारा जल्द इस बारे में निर्णय लिए जाने और आईपीओ की पेशकश के लिए संबद्घ अधिकारियों को तैयार करने की मंजूरी दिए जाने की संभावना है।निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) समेत सरकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थों ने बाजार आकलन किया और पाया था कि मौजूदा हालात भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी की सूचीबद्घता के लिए उपयुक्त हैं। सूचीबद्घता की योजना इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्घ को लेकर बाजार में पैदा हुई अस्थिरता की वजह से पटरी से रद्द कर दी गई थी। सरकार भारत के इस सबसे बड़ी आईपीओ को 12 मई से पहले लाने की संभावना तलाश रही है, क्योंकि इसमें जयादा विलंब से एलआईसी को बाजार नियामक सेबी के पास फिर से आवेदन करने की जरूरत होगी।दीपम के आकलन के आधार पर, सरकार को नियामक के साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी करने और निर्गम की घोषणा करने के लिए 10 दिन की जरूरत होगी। निर्गम के लिए आरएचपी में इससे संबंधित सभी विवरण शामिल होंगे और आईपीओ के जरिये बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या शुरू में प्रस्तावित 31.6 करोड़ से बढ़ाए जाने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि एंकर निवेशकों को कोष की व्यवस्था करने के लिए 3-4 दिन का समय दिए जाने की जरूरत होगी और इस तारीख की घोषणा से पहले विचार किया जाएगा। दीपम ने मर्चेंट बैंकरों से उस मूल्यांकन को लेकर एंकर निवेशकों से प्रतिक्रियाएं मांगने को कहा है, जिस पर वे इस आईपीओ में हिस्सा ले सकें, और साथ ही उस वैल्यू पर भी सोमवार तक सुझाव देने को कहा है, जिस पर सरकार को बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटानी चाहिए।अधिकारी ने कहा किअप्रैल में आईपीओ की पेशकश की तैयारियां चल रही हैं, और इसकी तारीख मई के लिए बढ़ाए जाने की संभावना कम नजर आ रही है। दूसरी तरफ, रूस-यूक्रेन हमले के तुरंत बाद मार्च में बाजार में अस्थिरता जिस स्तर पर पहुंच गई थी, उसमें अब काफी कमी आई है। बाजार में अस्थिरता का आकलन करने वाला संकेतक ‘इंडिया वीआईएक्स’ सूचकांक भी शुक्रवार को नरम पडक़र 17.69 पर बंद हुआ था।
