पोषण-युक्त चावल के वितरण को मंजूरी | अरूप रॉयचौधरी / नई दिल्ली April 09, 2022 | | | | |
देश में कुपोषण कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पोषण युक्त चावल (फोर्टीफाइड राइस) के वितरण की योजना को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
ठाकुर ने कहा, 'इससे देश के हर गरीब व्यक्ति को पोषण मिल सकेगा और उन्हें कुपोषण से निकलने में मदद मिलेगी। जरूरी पोषकोंं की कमी का असर महिलाओं बच्चों व बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं पर पड़ता है और इससे उन्हें बचाया जा सकेगा।'
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस संबंध में आपूर्ति एवं वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों की एजेंसियों ने पहले की 88.65 लाख टन अतिरिक्त पोषण-युक्त चावल की खरीद कर ली है। इसे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से अमल में लाया जाएगा तथा वर्ष 2024 तक चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इस पर सालाना 2,700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे केंद्र सरकार वहन करेगी। यह केंद्र के खाद्य सब्सिडी बिल का हिस्सा होगा और इसे लागू करने की अंतिम तिथि जून 2024 होगी।
इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2021 में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। इस पहल को 3 चरणों में लागू किया जाएगा। इसके पहले चरण के तहत समन्वित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण - पीएम पोषण योजना को लाया जाएगा। यह लागू होने की प्रक्रिया में है।
दूसरे चरण के तहत पूरी लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा आकांक्षी एवं ज्यादा दबाव वाले सभी जिलों (291 जिले) में मार्च, 2023 तक इसे लागू किया जाएगा। तीसरे चरण में इस पहल को दूसरे चरण के बाद बचे देश के शेष जिलों में लागू किया जाएगा और इसे मार्च, 2024 तक पूरा किया जाएगा।
ठप पड़ी खदानों के लिए एकबारगी योजना
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को परिचालित नहीं हो रहीं कोयला खदानें किसी जुर्माने के बगैर वापस करने के छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की शुक्रवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बयान के मुताबिक, 'सीसीईए ने केंद्र एवं राज्य सरकारों के उपक्रमों को परिचालित नहीं हो रही खदानों को किसी जुर्माने के बगैर लौटाने के कोयला मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसके लिए सार्वजनिक उपक्रमों को न तो कोई कारण बताना होगा और न ही उनकी बैंक गारंटी जब्त की जाएगी। यह सुविधा एकबारगी दी गई है।'
सरकार के इस फैसले से उन कोयला खदानों पर से सरकारी नियंत्रण खत्म हो जाएगा जिनका परिचालन करने में सरकारी कंपनियां या तो इच्छुक नहीं हैं अथवा वे इनका विकास कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। इन खदानों को लौटाने के बाद सरकार की मौजूदा नीलामी नीति के तहत बेचा जा सकता है। कोयला मंत्रालय के मुताबिक, सरकारी कंपनियां यह फैसला लागू होने के तीन महीने के भीतर निष्क्रिय कोयला खदानों को लौटा सकती हैं।
वर्ष 2014 में कोयला ब्लॉक का आवंटन निरस्त किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सरकार ने तापीय बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को कई खदानें आवंटित कर दी थी। इस व्यवस्था के तहत आवंटित की गई 73 कोयला खदानों में से 45 खदानों में अब तक परिचालन नहीं शुरू हो पाया है और 19 खदानों में खनन कार्य शुरू होने की तय तारीख पहले ही बीत चुकी है। इस देरी के लिए काफी हद तक कानून-व्यवस्था और भूमि अधिग्रहण का विरोध जैसे कारण जिम्मेदार रहे हैं।
अटल इनोवेशन मिशन को 23 मार्च तक बढ़ाया गया
अटल इनोवेशन मिशन (एम) को मार्च 2023 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है। एम के लक्ष्यों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) के साथ ही 101 अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) स्थापित करना और अटल न्यू इंडिया चैलेंज के माध्यम से 200 स्टार्टअप का समर्थन करना शामिल है।
एक बयान में कहा गया कि स्थापना और लाभार्थियों को मदद देने के लिए 2,000 करोड़ रुपए से अधिक व्यय किया जाएगा। एआईएम का मकसद स्कूल, विश्वविद्यालय, शोध संस्थानों, एमएसएमई और उद्योग स्तर पर हस्तक्षेप के जरिए देश भर में नवाचार और उद्यमिता का माहौल बनाना और उसे बढ़ावा देना है।
एम ने बुनियादी ढांचे के विकास और संस्था निर्माण, दोनों पर ध्यान केंद्रित किया है। बयान में कहा गया कि एआईएम समर्थित स्टार्टअप ने सरकारी और निजी इक्विटी निवेशकों से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं और कई हजार नौकरियां पैदा की हैं। एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और मंगोलिया के वित्तीय नियामक आयोग (एफआरसी) के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी है।
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