सरकार ने 10 अप्रैल से निजी टीकाकरण केंद्रों पर सभी वयस्कों के लिए कोविड की तीसरी खुराक को मंजूरी दे दी है। कोविड-19 की एक्सई किस्म से पूरी दुनिया फिक्रमंद है। ऐसे में भारत भी समूची वयस्क आबादी को कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक लगाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन बूस्टर खुराक के लिए अपनी जेब से खर्च करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि चिकित्साकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को पहली, दूसरी और बूस्टर खुराक के लिए मुफ्त सरकारी टीकाकरण जारी रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस कार्यक्रम को आगे और तेज किया जाएगा। इस कदम का मकसद टीका विनिर्माताओं के पास तैयार खुराकों को खपाना है। सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक ने कम मांग तथा बढ़ते स्टॉक की वजह से कोविड-19 टीकों का उत्पादन बंद कर दिया था। भारत में बूस्टर खुराक को मंजूरी मिलने पर सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, 'हम बूस्टर के बारे में भारत सरकार की घोषणा से खुश हैं। यह फैसला लंबी अवधि की सुरक्षा मुहैया कराएगा और यात्रा को आसान बनाएगा।' पूनावाला ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में इशारा किया कि सीरम निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक से भी कम कीमत पर टीके दे सकती है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी अस्पताल शृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स के एमडी दिलीप जोस ने कहा, 'हमारे पास कुछ स्टॉक पड़ा है। नए ऑर्डर देने से पहले हम प्रतिक्रिया देखेंगे।' 15 साल से अधिक उम्र के करीब 96 फीसदी बच्चों को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक लग गई है, जबकि 15 साल से अधिक उम्र की करीब 83 फीसदी आबादी को दोनों खुराक लग चुकी हैं। कोविन डैशबोर्ड के मुताबिक देश में अब तक कोविड-19 टीकों की 1.85 अरब खुराक लग चुकी हैं। भारत में कुल खुराकों में 83.3 फीसदी कोविशील्ड टीके की लगी हैं, जबकि कुल खुराकों में कोवैक्सीन का हिस्सा करीब 16 फीसदी रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को करीब 2.28 बूस्टर खुराक लगी हैं। आबादी के इन वर्गों के लिए बूस्टर खुराक को जनवरी के पहले सप्ताह में मंजूरी दी गई थी। पिछले साल जून में केंद्र ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए टीके की एक खुराक लगाने का शुल्क 150 रुपये तय किया था। केंद्र ने निजी टीकाकरण केंद्रों को कर एवं लगाने के शुल्क सहित कोविशील्ड के लिए अधिकतम 780 रुपये, कोवैक्सीन के लिए 1,410 रुपये और स्पूतनिक वी के लिए 1,145 रुपये वसूलने को कहा था। निजी केंद्रों के लिए कोविशील्ड की लागत 600 रुपये प्रति खुराक आती है, जो कोवैक्सीन के लिए 1,200 रुपये प्रति खुराक और स्पूतनिक वी के लिए 948 रुपये प्रति खुराक (जीएसटी अतिरिक्त) है। बायोलॉजिकल ई ने कहा है कि वह कोर्बेवैक्स की कीमत 800 रुपये प्रति खुराक (सभी कर अतिरिक्त) रखेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय को मार्च में भेजे पत्र में सीरम ने कहा था कि वह निजी बाजार में कोवोवैक्स (नोवावैक्स के टीके) की कीमत 900 रुपये (कर अतिरिक्त) तय करने के बारे में विचार कर रही है। जाइडस लाइफसाइंसेज अपना तीन खुराक का डीएनए टीका जाइकोव-डी केंद्र को 265 रुपये प्रति खुराक पर देती है और सुई रहित एप्लीकेटर डिवाइस की लागत 93 रुपये प्रति खुराक है।
