बैंकों को डिजिटल इकाई की अनुमति | |
बीएस संवाददाता / मुंबई 04 07, 2022 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वाणिज्यिक बैंकों को डिजिटल बैंकिंग इकाई (डीबीयू) शुरू करने की अनुमति देने के लिए आज नियम तय कर दिए। इन इकाइयों को इसके तहत न्यूनतम उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी। 2022-23 के बजट में आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश भर के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की गई थी।
शुरुआत में डिजिटल बैंकिंग का अनुभव रखने वाले सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई से मंजूरी लिए बगैर बड़े शहरों से एकदम छोटे शहरों तक ऐसी इकाइयां खोलने की अनुमति होगी। मगर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्थानीय क्षेत्र के बैंक और भुगतान बैंक ये इकाइयां नहीं खोल पाएंगे।
डिजिटल बैंकिंग इकाई को डिजिटल बैंकिंग उत्पादों एवं सेवाओं के साथ मौजूदा वित्तीय उत्पाद एवं सेवाएं डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराने के लिए न्यूनतम डिजिटल ढांचा मुहैया कराने वाले प्रमुख केंद्र या विशेषीकृत निर्धारित पॉइंट वाली कारोबारी इकाई के रूप में परिभाषित किया गया है।
डीबीयू का उद्देश्य ग्राहकों को कागजरहित, सुरक्षित और कनेक्टेड माहौल में पूरे साल कम लागत में सुगमता के साथ सेवाएं और उत्पाद उपलब्ध कराना एवं डिजिटल अनुभव देना है। आरबीआई ने कहा कि प्र्रत्येक डीबीयू को एकदम अलग प्रवेश और निकास प्रावधान वाला होना चाहिए। आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया है, 'ये मौजूदा बैंकिंग आउटलेट से अलग होंगे और इनका प्रारूप तथा डिजाइन डिजिटल बैंकिंग उपयोग करने वालों के अनुकूल होना चाहिए।' बैंकिंग नियामक ने डीबीयू द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले न्यूनतम उत्पाद एवं सेवाएं तय किए हैं, जिन्हें मुहैया कराना अनिवार्य होगा। रिजर्व बैंक ने कहा, 'प्रत्येक डीबीयू को निश्चित तौर पर तय न्यूनतम डिजिटल बैंकिंग उत्पाद एवं सेवाएं मुहैया करानी होंगी। ऐसे उत्पाद डिजिटल बैंकिंग श्रेणी की बैलेंस शीट में देनदारी और परिसंपत्ति दोनों के तौर पर होने चाहिए...डीबीयू अपने हाइब्रिड और उच्च गुणवत्ता वाले इंटरैक्टिव कौशल का उपयोग कर ज्यादा सुसंगठित और आवश्यकता के अनुकूल उत्पादों की पेशकश करेंगी।' देनदारी वाले उत्पादों में बचत खाता, चालू खाता खोलना, सावधि और आवर्ती जमा, मोबाइल एवं इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, यूपीआई क्यूआर कोड आदि शामिल होंगे।
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