अपनी पैतृक और प्रवर्तक हाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड फाइनैंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) के विलय के बाद, एचडीएफसी बैंक बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में वैश्विक रूप से सबसे ज्यादा मूल्यवान ऋणदाताओं में से बन जाएगा। इस विलय ने एचडीएफसी बैंक को 185 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में वैश्विक रूप से छठा सबसे बड़ा बैंक बना दिया है, जो वेल्स फारगो, एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना, रॉयल बैंक ऑफ कनाडा, एचएसबीसी होल्डिंग्स और कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ आस्ट्रेलिया जैसे वैश्विक बैंकिंग दिग्गजों से ज्यादा है। मौजूदा समय में, एचडीएफसी बैंक को बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में वैश्विक रूप से 13वां स्थान हासिल है। एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय से बैंक को चीन और अमेरिका से बाहर ज्यादा मूल्यवान बैंक बनने में मदद मिल सकेगी। विश्लेषकों के अनुसार, ऊंचे बाजार पूंजीकरण से विलय वाली कंपनी को ताजा पूंजी इक्विटी जुटाने और तेजी से बढऩे में मदद मिलेगी। मौजूदा समय में, जेपी मॉर्गन चेज करीब 400 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ चार्ट पर शीर्ष पर हैं, जिसके बाद बैंक ऑफ अमेरिका (330 अरब डॉलर) और इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (257 अरब डॉलर) का स्थान है। हालांकि इस विलय से एचडीएफसी बैंक के लिए वित्तीय भार बढ़ सकता है, लेकिन वह प्रमुख वित्तीय मानकों (परिसंपत्तियों, इक्विटी, राजस्व और शुद्घ लाभ) के आधार पर वैश्विक तौर पर मध्यम आकार का बैंक बना रहेगा। इस विलय के बाद करीब 386 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों के साथ, एचडीएफसी बैंक का स्थान वैश्विक तौर पर 72 होगा, जो दक्षिण कोरिया के वूरी फाइनैंशियल गु्रप से ज्यादा, लेकिन बेल्जियम के बीएनपी पारिबा फोर्टिस और नीदरलैंड के एबीएन एमरो बैंक के बाद शामिल है। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की रैंकिंग उनकी परिसंपत्तियों के आकार के हिसाब से निर्धारित की गई है। बैंक परिसंपत्ति उसके द्वारा वितरित ऋण और निवेश का योग है। मौजूदा समय में, एचडीएफसी बैंक 267 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों के साथ वैश्विक तौर पर 93वां सबसे बड़ा बैंक है। भारतीय स्टेट बैंक 695 अरब डॉलर की कुल परिसंपत्तियों के साथ भारत का सबसे बड़ा बैंक बना हुआ है और वैश्विक तौर पर उसे 45वां स्थान हासिल है।
