निफ्टी में एफएमसीजी फर्मों का भारांक कम | कृष्ण कांत / मुंबई April 05, 2022 | | | | |
दलाल पथ पर उपभोक्ता कंपनियों के शेयर फिसड्डी बने रहे। एफएमसीजी शेयरों का निफ्टी-50 में भारांक इस साल मार्च के अंत में घटकर एक दशक के निचले स्तर 9.9 प्रतिशत पर रह गया, जो एक साल पहले के 11.4 प्रतिशत से 150 आधार अंक कम है।
मार्च 2013 में अपने ऊंचे स्तरों से हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, और एशियन पेंट्स जैसे प्रमुख एफएमसीजी शेयरों का निफ्टी-50 भारांक में करीब 15 प्रतिशत योगदान रहा है। लेकिन ऑटोमोबाइल शेयरों के साथ, उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र का इस सूचकांक में सिर्फ 14.7 प्रतिशत योगदान है जो पिछले 12 महीने में 200 आधार अंक और मार्च 2014 के अंत के 23.4 प्रतिशत के रिकॉर्ड ऊंचे भारांक से 37 प्रतिशत कम है।
निफ्टी-50 में शामिल वाहन शेयरों का संयुक्त भारांक घटकर 4.8 प्रतिशत रह गया है, जो मार्च 2016 के अंत में 10.6 प्रतिशत के सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर था।
उद्योग दिग्गज हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 15.7 प्रतिशत घटकर 31 मार्च 2022 तक 4.81 लाख करोड़ रुपये रह गया जो मार्च 2021 के अंत में 5.71 लाख करोड़ रुपये था, जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज का बाजा पूंजीकरण पिछले 12 महीनों में 11.5 प्रतिशत घटा है। आईटीसी और नेस्ले इंडिया ने शेयर बाजारों पर बेहतर प्रदर्शन किया है और उनके बाजार पूंजीकरण में वित्त वर्ष 2022 में 14.8 प्रतिशत तथा 1.3 प्रतिशत की तेजी आई है, लेकिन सूचकांक के मुकाबले इनका प्रदर्शन अभी कमजोर बना हुआ है। दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स (21.4 प्रतिशत तक) और टाटा कंज्यूमर (21.7 प्रतिशत तक) ने पिछले वित्त वर्ष में सूचकांक को मात दी।
एफएमसीजी क्षेत्र में गिरावट काफी हद तक पिछले 12 महीने में प्रमुख कंपनियों द्वारा दर्ज किए गए कमजोर प्रदर्शन की वजह से आई है। सूचकांक में 6 एफएमसीजी कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण मार्च 2022 के अंत में सालाना आधार पर सिर्फ 0.5 प्रतिशत तक बढ़कर 14.02 लाख करोड़ रुपये पर था, जो निफ्टी-50 कंपनियों की संयुक्त वैल्यू में 20.4 प्रतिशत की तेजी के मुकाबले कम है।
इसी तरह, टाटा मोटर्स को छोड़कर ज्यादातर वाहन निर्माताओं पर दबाव पड़ा है। टाटा मोटर्स का शेयर वित्त वर्ष 2022 में 44.8 प्रतिशत तक चढ़ा था। इस सूचकांक में शामिल 6 उद्योग दिग्गजों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण पिछले वित्त वर्ष महज 8.3 प्रतिशत चढ़कर मार्च 2022 के अंत में 7.01 लाख करोड़ रुपये पर रहा। हीरो मोटोकॉर्प पर सबसे ज्यादा दबाव (21.2 प्रतिशत की गिरावट) पड़ा, जिसके बाद आयशर मोटर्स (5.6 प्रतिशत) और बजाज ऑटो (0.5 प्रतिशत की गिरावट) में कमजोरी दर्ज की गई। दूसरी तरफ, वित्त वर्ष 2022 में मारुति सुजूकी में 10.2 प्रतिशत और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 1.4 प्रतिशत तक की तेजी आई थी।
विश्लेषक इसके लिए एफएमसीजी और वाहन कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहरा रहे रहे हैं और इस वजह से वाहन शेयरों पर मांग पर दबाव तथा बढ़ती उत्पादन लागत का भी प्रभाव दिखा है। इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी सर्विसेज के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम का कहना है, 'एफएमसीजी और वाहन क्षेत्रों में आय वृद्घि हाल की तिमाहियों में कमजोर रही है। वृद्घि पर कमजोर मांग और निर्माताओं के मार्जिन में कमी का असर पड़ा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ऊर्जा, खाद्य और धातु कीमतों में भारी तेजी की वजह से भी परिदृश्य में नकारात्मक बदलाव आ रहा है।'
दूसरी तरफ, आईटी सेवा, तेल एवं गैस, खनन एवं धातु और दूरसंचार जैसे कई क्षेत्रों में आय अपग्रेड भी दर्ज किए गए हैं।
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