निफ्टी-500 के आधे शेयर 200 डीएमए से ऊपर | अवधूत बागकर और पुनीत वाधवा / मुंबई/नई दिल्ली April 05, 2022 | | | | |
भूराजनीतिक चिंता और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच जनवरी 2022 के मध्य अपने सर्वोच्च स्तर से 12 फीसदी टूटकर 15,671 पर आने के बाद निफ्टी-50 इंडेक्स सोमवार को एक बार फिर 18,000 पर पहुंच गया। ऐसी मजबूत रफ्तार से निफ्टी-500 के आधे शेयर अपने-अपने संबंधित 200 दिन के मूविंग एवरेज (डीएमए) से ऊपर चले गए। अगर विश्लेषकों पर भरोसा करें तो इनमें और बढ़त की गुंजाइश है, हालांकि इस बीच रुक-रुककर गिरावट होती रहेगी।
200 दिन का मूविंग एवरेज एक तरह का संकेतक है, जिसे निवेशक समुदाय और ट्रेडिंग विशेषज्ञ सबसे ज्यादा प्रासंगिक ट्रेंड मानते हैं। उनका मजबूती से मानना है कि 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करने वाले शेयरों में तेजी का रुझान होता है और वे उनमें और तेजी की उम्मीद करते हैं। वहीं इससे नीचे ट्रेडिंग पर मंदी की अनुमान लगाया जाता है और शेयर कीमतों में बिकवाली के कारण गिरावट की आशंका होती है।
निफ्टी-500 इंडेक्स के करीब 246 शेयर अभी 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर हैं, जिनमें ऐक्सिस बैंक, बजाज ऑटो, बीएसई, डीएलएफ, इंडियन होटल्स, आईटीसी, जेके पेपर, पॉलीकैब इंडिया, यूपीएल व वेदांत शामिल हैं। दूसरी ओर एसीसी, एशियन पेंट्स, डिविज लैब, एवेन्यू सुपरमाट्र्स, हीरो मोटोकॉर्प, सेल, स्पाइसजेट, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो आदि अपने-अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहे हैं। हालांकि एशियन पेंट्स, डिविज लैब, अल्ट्राटेक सीमेंट और हीरो मोटोकॉर्प निफ्टी-50 इंडेक्स का भी हिस्सा है।
विश्लेषकों ने कहा, बाजार का सेंटिमेंट तेजी का नजरिया प्रतिबिंबित कर रहा है और ट्रेडर आने वाले हफ्तों मेंं और उच्चस्तर की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि वे रुक-रुककर होने वाली गिरावट और एकीकरण की संभावना से इनकार नहीं करते और उनका कहना है कि मौजूदा स्तर से गिरावट में खरीदारी की जा सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के तकनीकी व डेरिवेटिव विश्लेषक नंदीश शाह ने कहा, निफ्टी ने हालिया निचले स्तर से करीब 2,500 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की है और अब प्रतिरोध का सामना कर रहा है। यह इंडेक्स थोड़े समय के लिए मौजूदा स्तर पर एकीकृत हो सकता है। बाजार का नजरिया कुल मिलाकर तेजी बना हुआ है और हम इंडेक्स को आगे नई ऊंचाई पर जाते देख सकते हैं।
विश्लेषकों ने कहा, फंडामेंटल के स्तर पर भी बाजार सहज स्थिति में दिख रहा है और हालिया महंगे मूल्यांकन के बाद क्षेत्रीय समकक्षों के मूल्यांकन के लिहाज से आकर्षक भी। यह कहना है एचएसबीसी ग्लोबल का। उनका कहना है कि यही चीजें एफआईआई के लिए भारतीय इक्विटी को लेकर अहम रही है और भूराजनीतिक जोखिम उभरने से काफी पहले से ही ऐसा देखा गया है।
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