प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में अनेक याचिकाएं दाखिल करने वाले नागपुर के अधिवक्ता के आवास पर छापे मारे। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि ईडी एवं अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल भाजपा विरोधी आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने आज सुबह सुबह दल बल के साथ नागपुर में अधिवक्ता सतीश उके के घर जा धमकी। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच छापे मारे और बाद में पूछताछ के लिए उनके भाई के साथ प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय ले जाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय एजेंसी की मुंबई इकाई ने भूमि खरीद फरोख्त मामले में छापे मारे हैं। ईडी के अधिकारी अपने साथ उके का लैपटॉप,कुछ कागजात और उनके परिवार के सदस्यों के चार मोबाइल फोन भी जांच पड़ताल के लिए ले गए हैं। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बयान जारी करके कहा कि भाजपा एवं केंद्र के विरूद्ध उठने वाली आवाज को कुचलने के लिए ईडी जैंसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह केंद्र का अघोषित आपातकाल है। उच्चतम न्यायालय एवं बंबई उच्च नयायालय को यह सुनिश्चित करने के लिए दखल देना चाहिए कि लोकतांत्रिक व्यवस्था बनी रहे एवं केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग रुके । पटोले ने कहा कि उके मानहानि के मुकदमे में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं इसलिए इन वकील की आवाज को दबाने के लिए कार्रवाई की गयी है। जो कोई भी केंद्र की भाजपा नीत सरकार के विरूद्ध बोलता है, उसके विरूद्ध ईडी जैसी एजेंसियों के मार्फत फर्जी मामले दर्ज कर दिये जाते हैं। अन्य अपराधों के साथ साथ ड्रग संबंधी अंतरराष्ट्रीय धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण के मामलों में कार्रवाई के लिए ईडी बनायी गयी थी लेकिन वह मूल लक्ष्य से भटक गयी है । पटोले ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां केंद्र सरकार के हाथों की ‘कठपुतलियां’ बन गयी हैं। पटोले ने अपने फोन की कथित टैपिंग को लेकर पूर्व राज्य खुफिया प्रमुख आईपीएस अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध दीवानी अदालत में 500 करोड़ रूपये का मानहानि संबंधी मुकदमा दर्ज कर रखा है और इस मामले में उके पटोले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पटोले ने कहा कि यदि ईडी अब उनके विरूद्ध कार्रवाई करने जा रही है तो वह उसका स्वागत करने को तैयार हैं। उके ने भाजपा नेताओं खासतौर पर फडणवीस के खिलाफ अदालतों में कई याचिकाएं दायर की हैं। उन्होंने अपनी एक अर्जी में चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की थी। उके ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता ने 2014 में झूठा हलफनामा दायर किया था और 1996 तथा 1998 में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के दो आपराधिक मामलों को छिपाया था।
