रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना स्थानांतरित करने को लेकर जुबानी सियासत तेज | सुशील मिश्र / मुंबई March 30, 2022 | | | | |
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के नाणार में ठप पड़ी मेगा-रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेकस (आरपीसी) परियोजना का काम दोबारा शुरु होने की कोशिशों के साथ एक बार फिर शिवसेना-भाजपा में खींचतान शुरु गई। शिवसेना रत्नागिरी में ही बारस नामक जगह में स्थानांतिरत करना चाह रही है जबकि भाजपा पहले से प्रस्तावित नाणार या फिर नागपुर परियोजना ले जाना चाह रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर रत्नागिरी में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को तटीय जिले में किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। परियोजना को रत्नागिरी जिले के नाणार में बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन स्थानीय संगठनों और राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना के विरोध के कारण इसका काम फिलहाल रुका है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने जनवरी में प्रधानमंत्री को रिफाइनरी परियोजना को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के संबंध में एक पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परियोजना के लिए बारसू सोलगांव धोपेश्वर में 13 हजार एकड़ की जमीन देने पर सहमति जताई है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि यह खाली जमीन है जिससे न तो खेती का नुकसान होगा और न ही स्थानीय लोगों का विरोध होगा।
दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि नाणार में ही यह परियोजना लगनी चाहिए। भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि यह परियोजना केन्द्र की है वो जहां के लिए प्रस्तावित है वहीं लगना चाहिए। नाणार के गांव वाले नहीं बल्कि शिवसेना के लोग परियोजना का विरोध कर रहे थे अब वह अपनी गलत को मनाने के लिए महज कुछ दूरी पर परियोजना लगाने का प्रस्ताव दे रहे हैं। परियोजना के स्थानांतरण पर जारी बयानबाजी के बीच कांग्रेस ने नया प्रस्ताव रखा दिया। कांग्रेस के विधायक आशीष देशमुख का कहना है कि लोगों को डर दिखाया जा रहा है कि परियोजना गुजरात चली जाएगी, जबकी विदर्भ के लोग चाहते हैं कि उनके यहां यह परियोजना लगायी जाए। इसीलिए मेरा सुझाव है कि विदर्भ में इस परियोजना के स्थानांतरित कर देना चाहिए जिससे विदर्भ के लोगों को रोजगार मिल सके।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विदर्भ क्षेत्र में रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परिसर परियोजना स्थापित करने की वकालत कर रहे हैं। गडकरी ने हाल ही में कहा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार से रत्नागिरी के राजापुर में परियोजना के लिये जमीन की उपलब्धता के बारे में अपने रुख के बारे में बताने को कहा गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय को महाराष्ट्र सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा है। गडकरी के मुताबिक यह अनिश्चित है कि इसमें कितना समय लगेगा। ऐसी स्थिति में मैं उक्त परियोजना के लिए नागपुर को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव करना चाहूंगा। गडकरी ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को 14 फरवरी को पत्र लिखा और परियोजना को नागपुर स्थानांतरित करने के लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में बैठक के दौरान पेट्रोलियम मंत्री ने आश्वस्त किया कि रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परिसर (आरपीसी) परियोजना उपयुक्त स्थल पर जमीन मिलने पर नागपुर में लगायी जा सकती है
राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को रत्नागिरी की अपनी यात्रा के दौरान कहा कि कोंकण क्षेत्र में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना पर स्थानीय लोगों से परामर्श करने और उनकी सहमति मिलने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा। वहीं, केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कथित तौर पर कहा था कि परियोजना का काम फिर से शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार इस बारे में अपना रुख बदल रही है। गौरतलब है कि लगभग 60 अरब डॉलर की परियोजना का निर्माण सऊदी अरामको और संयुक्त अरब अमीरात की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना है। रत्नागिरी के जैतापुर में 9,000 मेगावाट से अधिक का एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया जाना है।
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