वित्त मंत्रालय से संपर्क साधेंगे कनाडा के एफपीआई | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई March 30, 2022 | | | | |
कनाडा के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भारतीय इक्विटी से अपना निवेश छह महीने के भीतर निकालने के आदेश के बाद वे वित्त मंत्रालय से संपर्क कर इस गतिरोध को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं। सूत्रों ने यह जा नकारी दी।
सेबी ने कनाडा के 26 एफपीआई को पत्र भेजकर अपने-अपने फंड बंद करने को कहा है क्योंंकि वे उन इलाकोंं से नहींं हैं जिन्होंंने प्रतिभूतियों के विनियमन मेंं सहयोग के लिए बहुपक्षीय ढांचे पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें से ज्यादातर एफपीआई कनाडा के मनिटोबा राज्य के हैं, जो इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज कमीशंस के साथ हस्ताक्षर करने वाला नहींं है और यह संगठन दुनिया की प्रतिभूतियों व वायदा बाजारोंं का विनियमन करता है।
एक सूत्र ने कहा, ज्यादातर फंड, पेंशन फंड हैं, जो पिछले 10-15 साल से भारत में निवेश कर रहे हैं। उन्होंंने कहा, सेबी मेंं शायद नए अफसर आए और ऐसा नजरिया अपनाया, लेकिन यह अच्छा नीतिगत फैसला नहीं है, जो कनाडा की इकाइयों को अपात्र करने के लिए लिया गया है। ऐसे में एफपीआई वित्त मंत्रालय के सामने मामला उठा सकते हैं और अगल से सेबी चेयरपर्सन को लिख सकती हैं। मुझे भरोसा है कि मंत्रालय इस मामले का समाधान निकालेगा।
भारत में एफपीआई के निवेश के लिहाज से कनाडा का स्थान सातवां है और इस साल 28 फरवरी तक 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। कनाडा से भारत में पंजीकृत कैटिगरी-1 एफपीआई के तहत कुल 703 एफपीआई हैं और कैटिगरी-2 के तहत 39 एफपीआई। कनाडा के एफपीआई की कस्टडी में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का पता नहींं चल पाया।
एक अन्य सूत्र ने कहा, कनाडा की सभी राज्यों ने ऐसे मामले का सामना नहीं किया है। सेबी ने कनाडा के सभी एफपीआई के आंकड़ों तक पहुंच के लिए कस्टोडियन का रुख किया लेकिन किसी एक राज्य से संबंधित एफपीआई को चुनकर उन्हें नोटिस भेजा।
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