इंडिया रेटिंग्स ने आज वित्त वर्ष 23 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान घटाकर 7 से 7.2 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने इसके पहले 7.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण जिंसों की बढ़ी कीमतों को देखते हुए वृद्धि अनुमान में कमी की गई है। इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने एक बयान में कहा, 'रूस-यूक्रेन के बीच टकराव की समयावधि अनिश्चित है, ऐसे में हम वित्त वर्ष 23 के आर्थिक परिदृश्य को लेकर दो स्थिति देख रहे हैं। पहले परिदृश्य में कच्चे तेल की कीमतें 3 महीने तक बढ़ी हुई मानी गई हैं और दूसरे परिदृश्य में 6 महीने बढ़ी हुई मानी गई हैं। दोनों स्थिति में लागत का आधा बोझ अर्थव्यवस्था पर डाला गया है।' उन्होंने कहा कि पहले परिदृश्य में यह उम्मीद है कि भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत और दूसरे में 7 प्रतिशत बढ़ेगी। इंडिया रेटिंग्स की वृद्धि अनुमानों में कटौती के एक दिन पहले इक्रा लिमिटेड ने वित्त वर्ष 23 के लिए वृद्धि अनुमान 8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। सिन्हा ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि जिंसों के दाम में तेजी और रूस-यूूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति शृंखला में आए व्यवधान का नकारात्मक असर कॉर्पोरेट धारणा पर पड़ेगा और ज्यादा स्पष्ट स्थिति बनने तक निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय टल सकता है। बहरहाल सरकार के पूंजीगत व्यय पर कोई असर पडऩे की संभावना नहीं है।' महामारी के कारण निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय अभी बहाल होना बाकी है। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 23 के लिए पूंजीगत व्यय का आवंटन 7.5 लाख करोड़ रुपये किया है, जिसमें राज्यों के पूंजीगत व्यय की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये का दीर्घावधि, ब्याजमुक्त कर्ज शामिल है।
