रियल्टी शेयरों पर विश्लेषकों का सतर्क रुख | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली March 29, 2022 | | | | |
विश्लेषक अब रियल एस्टेट कंपनियोंं के शेयरों पर सतर्क रुख अपनाने लगे हैं, जो दोहरी मार झेल रहा है - इनपुट लागत में बढ़ोतरी (जिससे कंपनियां इस बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर डाल सकती हैं) और अगले कुछ महीनों में ब्याज/होम लोन की दरों में होने वाली संभावित बढ़ोतरी उनकी बिक्री की रफ्तार धीमी कर सकती है।
एक्सचेंजोंं पर निफ्टी रियल्टी इंडेक्स कमजोर रहा है और कैलेंडर वर्ष 2022 में यह करीब 7 फीसदी टूटा है जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स में करीब 1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, शोभा, गोदरेज प्रॉपर्टीज, मैक्रोटेक डेवलपर्स और सनटेक रियल्टी में इस दौरान 8 फीसदी से लेकर 36 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
आईडीबीआई सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर के मुताबिक, ज्यादातर रियल्टी शेयर उचित मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाजार मेंं हालिया निचले स्तर से सुधार आया है लेकिन रियल्टी शेयरों में बहुत ज्यादा तेजी नहीं आई है, जिसकी वजह बढ़ती लागत है।
प्रभाकर ने कहा, बढ़ती लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने में डेवलपर्स को परेशानी होगी। स्टील व सीमेंट आदि की लागत तेजी से बढ़ी है। गैस की कीमतें बढऩे से टाइल्स के दाम बढ़े हैं। कम दर व अफोर्डेबिलिटी के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग मजबूत रही थी, जो अब खत्म हो सकता है। पुणे, बेंगलूरु, चेन्नई व हैदराबाद आईटी केंद्र हैं, जहां वेतन पिछले दो साल मेंं तेजी से बढ़ा है। ऐसे में इन इलाकों में मांग टिका रह सकता है। एक से दो साल के निवेश का नजरिया रखने वालों को रियल एस्टेट शेयरों से दूर रहना चाहिए।
बढ़ती लागत
पिछले एक साल में डेवलपर्स की औसत निर्माण लागत 10 से 12 फीसदी बढ़ी है, जिसकी वजह आपूर्ति अवरोध के कारण ज्यादा इनपुट लागत है। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में देखने को मिली है जब डेवलपर्स पिछले कुछ वर्षों से उच्च कर्ज व नकदी की चिंता के कारण दबाव में है।
सीमेंट व स्टील की लागत सालाना आधार पर मार्च 2022 में 20 फीसदी बढ़ी है और निर्माण की कुल लागत में उसकी भागीदारी अहम है। विश्लेषकों ने यह जानकारी दी। अब तक डेवलपर्स कीमत बढ़ाने को लेकर सतर्क रहे हैं क्योंंकि बाजार कोविड के बाद रिकवर कर रहा है। हालांकि अब बढ़ती लागत उन्हें चुभने लगी है और कीमत रणनीति की समीक्षा उन्होंने शुरू कर दी है।
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