इक्रा ने घटाया वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली March 29, 2022 | | | | |
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान पहले के 8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। चल रही जंग और चीन में लॉकडाउन के कारण जिंसों के बढ़े हुए दाम और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान को देखते हुए इक्रा ने यह नया अनुमान लगाया है।
बयान में कहा गया है कि 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए एजेंसी ने वृद्धि अनुमान घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के दूसरे अग्रिम अनुमान 8.9 प्रतिशत से थोड़ा कम है।
इक्रा में अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'ईंधन और खाद्य तेल की कीमतें ज्यादा होने से कम और मध्य आय वर्ग के लोगों की खर्च करने योग्य आमदनी घटने की संभावना है और इससे 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे वित्त वर्ष के दौरान मांग बहाली में संकुचन आएगा।'
बहरहाल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण सितंबर 2022 तक बढ़ाए जाने से हाशिये पर रहने वाले परिवारों के खाद्य बजट में कुछ राहत जारी रह सकती है।
मझोली और ऊपरी आमदनी के सेग्मेंट में कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद व्यवहार सामान्य हो रहा है, जिससे खपत पर सकारात्मक असर होगा और इससे वित्त वर्ष 23 के दौरान संपर्क आधारित सेवाओं की खपत सुधरेगी।
एजेंसी ने कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा क्षमता के व्यापक स्तर पर विस्तार में देरी हो सकती है। यहां तक कि कुछ वस्तुओं के निर्यात पर भी असर पड़ सकता है, जिसकी विदेश में मांग है। इक्रा को उम्मीद है कि धीरे धीरे क्षमता के इस्तेमाल में सुधार होगा और यह वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 74-75 प्रतिशत हो जाएगा, जो जनवरी मार्च (वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही) मे 71-72 प्रतिशत था। इस समय कुछ चुनिंदा क्षेत्रों जैसे सीमेंट, स्टील और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में शामिल क्षेत्रों में क्षमता का विस्तार हो रहा है।
केंद्र सरकार के बजट की पूंजीगत व्यय योजना जल्द शुरू होना अहम है, जिससे वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में निवेश गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पूंजीगत व्यय योजना को लागू करने को लेकर जोखिम अब राज्यों के हाथ में चला गया है। यह अहम है क्योंकि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये ब्याज मुक्त पूंजीगत व्यय ऋण देने की घोषणा की है, जो वित्त वर्ष 22 में 15,000 करोड़ रुपये था।
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