महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के नाणार में ठप पड़ी मेगा-रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेकस (आरपीसी) परियोजना का काम दोबारा शुरु होने की कोशिशे शुरु हो गई है। महाराष्ट्र सरकार अब इस परियोजना को राज्य से बाहर नहीं जाने देना चाह रही है । इसीलिए इस परियोजना का विरोध करने वाली शिवसेना भी अब सकारात्मक रुख दिखाने लगी है जिसके कारण परियोजना के चालू होने की उम्मीद बढ़ गई है। महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा कि रत्नागिरी जिले के नानार में ठप पड़ी तीन लाख करोड़ रुपये की प्रस्तावित रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स (आरपीसी) परियोजना को किसी ऐसे स्थान पर स्थानांतरित करना चाहिए, जहां लोग इसके खिलाफ नहीं हों। आदित्य ठाकरे ने कहा कि आरपीसी परियोजना को ऐसे स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जहां स्थानीय लोग इसके विरोध में नहीं हों और लोगों को साथ लेकर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगला कदम उठाए जाने के दौरान यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि स्थानीय लोगों को न्याय मिले। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक दिन पहले रविवार को कहा था कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार आरपीसी परियोजना को लेकर अपना मन बदल रही है, ऐसे में इसके दोबारा शुरू होने की उम्मीद जगी है। गौरतलब है कि छह करोड़ मीट्रिक टन सालाना की क्षमता वाली यह परियोजना स्थानीय लोगों के विरोध के कारण ठप पड़ी है। स्थानीय लोगों के साथ विरोध में शिवसेना शामिल थी । राज्य की पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मार्च 2019 में आरपीसी परियोजना के लिए किसी अन्य स्थान का चयन किए जाने का निर्णय लिया था। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विदर्भ क्षेत्र में रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परिसर परियोजना स्थापित करने की वकालत की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को 14 फरवरी को पत्र लिखा और परियोजना को नागपुर स्थानांतरित करने के लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में बैठक के दौरान पेट्रोलियम मंत्री ने आश्वस्त किया कि रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परिसर (आरपीसी) परियोजना उपयुक्त स्थल पर जमीन मिलने पर नागपुर में लगायी जा सकती है। गडकरी के कहा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार से रत्नागिरी के राजापुर में परियोजना के लिये जमीन की उपलब्धता के बारे में अपने रुख के बारे में बताने को कहा गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय को महाराष्ट्र सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा है। गडकरी के मुताबिक यह अनिश्चित है कि इसमें कितना समय लगेगा। ऐसी स्थिति में मैं उक्त परियोजना के लिए नागपुर को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव करना चाहूंगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि इस परियोजना को दूसरे राज्य में स्थापित नहीं होने देंगे वह जल्द ही परियोजना के लिए जगह बताएंगे। वहीं राज ठाकरे भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर परियोजना दूसरे राज्य में नहीं जाने देने का आग्रह कर चुके हैं।
