राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण कंपनी (एनएलएमसी) या भूमि विशेष उद्देश्य कंपनी (एसपीवी) के प्रस्तावित बोर्ड में 13 सदस्य होंगे। बोर्ड की अध्यक्षता मुख्य कार्याधिकारी करेगा, जो अतिरिक्त सचिव या संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यह जानकारी दी। सार्वजिनक क्षेत्र की कंपनियों की गैर प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए पिछले साल के बजट में विशेष इकाई एनएलएमसी के बोर्ड के ढांचे का प्रस्ताव था। सीतारमण ने संसद को सूचित किया था कि इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और रियल एस्टेट क्षेत्र, बैंकिंग, निवेश बैंकिंग, निर्माण और कानून के निजी क्षेत्र के जाने माने पेशेवरों को शामिल किया जाना है। सीतारमण ने कहा, 'एनएलएमसी का काम पेशेवर तरीके से चलाने के लिए बोर्ड में जरूरी विशेषज्ञता और व अनुभव वाले लोग शामिल होंगे और इसमें जाने माने पेशेवर को बोर्ड के चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया जाएगा।' एनएलएमसी के बोर्ड में 13 डायरेक्टर होंगे, जिसमें से 7 सरकारी अधिकारी व 6 निजी क्षेत्र से होंगे। एनएलएमसी बोर्ड के 6 सरकारी प्रतिनिधि आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), आवास एवं शहरी मामलों के विभाग, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और भारी उद्योग विभाग (डीएचआई) के अतिरिक्त या संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। विशेष इकाई पीएसयू की जमीन और भवन संपत्तियों की मालिक होगी और उसे रखने, उसके प्रबंधन और मुद्रीकरण का काम देखेगी। सीतारमण ने बताया कि सरकारी कंपनियों की अतिरिक्त जमीन और संपत्तियों का चयन यह एसपीवी करेगी। इसकी अध्यक्षता पूर्णकालिक मुख्य कार्याधिकारी करेंगे, जो अतिरिक्त या संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। निजी क्षेत्र के अनुभवी पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए एनएलएमसी बोर्ड पेशेवरों के चयन में लचीला रुख अपनाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास अतिरिक्त, बगैर इस्तेमाल की और कम इस्तेमाल होने वाली जमीन और इमारतें हैं, जिनका बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। सीतारमण ने कहा कि अब तक 9 पीएसयू की करीब 3,469 एकड़ अतिरिक्त जमीन और भवन चिह्नित किए गए हैं, जिनका मुद्रीकरण होना है। सोमवार को बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की 5,400 एकड़ जमीन का मुद्रीकरण भूमि एसपीवी के माध्यम से करने की योजना बना रही है। एनएलएमसी का गठन पूरी तरह से भारत सरकार की कंपनी के रूप में किया जा रहा है, जिसकी शुरुआती अधिकृत शेयर पूंजी 5,000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये है।
