सैट ने ब्रिकवर्क रेटिंग्स पर लगे जुर्माने को रद्द किया | बीएस संवाददाता / मुंबई March 28, 2022 | | | | |
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने ब्रिकवर्क रेटिंग्स पर बाजार नियामक सेबी द्वारा लगाए गए एक करोड़ रुपये के जुर्माने को रद्द कर दिया है। सैट ने यह जुर्माना घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया है और पाया है कि सेबी के आदेश में कुछ खास निष्कर्षों को बरकरार नहीं रखा जा सकता।
सेबी ने 29 सितंबर 2020 को जारी अपने आदेश में ब्रिकवर्क मामले में कई खामियोंं को संदर्भित किया था। इनमें निगरानी प्रणाली का अभाव, डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (एनसीडी) में चूक की पहचान में विलंब, रिव्यू रेटिंग में विफलता और ग्रेट ईस्टर्न एनर्जी कॉरपोरेशन के एनसीडी की रेटिंग वापस लिए जाने, एस्सेल गु्रप इकाइयों की एनसीडी रेटिंग में चूक पहचानने में विफलता, और ढांचागत देयता से संंबंधित उल्लंघन जैसे कारण मुख्य रूप से शामिल थे। ऐसी परिस्थिति में 1 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार नहीं रखा जा सकता। हालांकि इनमें से सिर्फ कुछ मामलों को ध्यान में रखते हुए हमने संबद्घ निर्णायक अधिकारी के निष्कर्ष का समर्थन किया है।
फिच ने विप्रो और एचसीएल टेक की दीर्घावधि 'ए-' रेटिंग की पुष्टि की
फिच रेटिंग्स ने विप्रो और एचसीएल टेक के लिए 'ए-' लॉन्ग-टर्म फॉरेन- और लोकल-करेंसी इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग्स (आईडीआर) की पुष्टि की है, जिससे इन कंपनियों के मजबूत बाजार दबदबे का पता चलता है। रेटिंग एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा है कि उसने विप्रो की सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग 'ए-' की पुष्टि की है। वहीं एजेंसी ने एचसी एल टेक के बारे में कहा है कि यह टीसीएस और इन्फोसिस के बाद राजस्व के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी भारतीय आईटी सेवा कंपनी बन गई है। बीएस
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