शेयर बिक्री पर निवेश बैंकरों की कमाई घटी | समी मोडक और सुंदर सेतुरामन / मुंबई March 25, 2022 | | | | |
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम, राइट्स इश्यू व अन्य तरह से होने वाली इक्विटी शेयर बिक्री का कामकाज संभालने वाले निवेश बैंकरों की इससे होने वाली कमाई में तिमाही के दौरान नाटकीय गिरावट आई है क्योंंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति की सख्ती और यूक्रेन व रूस मेंं युद्ध को लेकर अनिश्चितता ने सौदों पर भारी असर डाला। ऐसी गतिविधियों से होने वाली निवेश बैंकरों की आमदनी इक्विटी कैपिटल मार्केट (ईसीएम) फी पूल के नाम से जानी जाती है।
वैश्विक डेटा प्रदाता रेफ्निटिवि के मुताबिक, मौजूदा तिमाही (18 मार्च तक) में भारत के लिए ईसीएम फी पूल 2.93 करोड़ डॉलर रहा, जो मार्च 2021 की तिमाही के मुकाबले 58 फीसदी कम और दिसंबर 2021 की तिमाही के मुकाबले 84 फीसदी कम है।
व्यापक बाजार में शेयरों में आई भारी गिरावट के बीच ज्यादातर कंपनियों को इक्विटी फंड जुटाने की योजना पर विराम लगाना पड़ा। यूक्रेन में युद्ध के कारण आपूर्ति अवरोध पैदा होने से जिंस की कीमतों खास तौर से ब्रेंट क्रूड में उछाल और फेडरल रिजर्व की ब्याज बढ़ोतरी से पहले विदेशी निवेशकों की निवेश निकासी ने ईसीएम गतिविधियों को पटरी से उतार दिया, जो इससे पिछली तिमाही मेंं रिकॉर्ड स्तर पर रही थी।
दिसंबर 2021 की तिमाही में निवेश बैंकरों को बड़ी शेयर बिक्री मसलन पेटीएम (18,300 करोड़ रुपये), स्टार हेल्थ इंश्योरेंस (6,400 करोड़ रुपये), पीबी फिनटेक (5,710 करोड़ रुपये) और नायिका (5,352 करोड़ रुपये) से रिकॉर्ड 18.15 करोड़ डॉलर की कमाई हुई। इसकी तुलना में इस तिमाही में महज तीन आईपीओ आए हैं - अदाणी विल्मर (3,600 करोड़ रुपये), वेदांत फैशंस (3,149 करोड़ रुपये) और एजीएस ट्रांजेक्ट (680 करोड़ रुपये)।
वैश्विक निवेश बैंक के प्रमुख ने कहा, इन्वेस्टमेंट बैकिंग साइक्लिकल कारोबार है। जो मजबूत तिमाहियों के बाद हमने गतिविधियों में गिरावट देखी है। कारोबार की कामयाबी के लिए हमें मजबूत द्वितीयक बाजार की दरकार होती है। दुर्भाग्य से उतारचढ़ाव तेज हुआ है, जिसका असर दुनिया भर में ईसीएम गतिविधियों पर पड़ा है।
एशिया व दुनिया भर में दूसरी जगहों पर ईसीएम पूल में तेज गिरावट देखने को मिली है। एशिया में यह सालाना आधार पर 50 फीसदी घटकर 1.44 अरब डॉलर रहा, वहीं वैश्विक ईसीएम शुल्क तिमाही में सालाना आधार पर 79 फीसदी घटकर 2.7 अरब डॉलर रह गया। वैश्विक ईसीएम शुल्क पूल दिसंबर 2021 की तिमाही में 9.4 अरब डॉलर रहा था। रेफ्निटिव के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर (ईसीएम) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, भारत व दुनिया भर में ईसीएम गतिविधियों में तेज गिरावट आई है, जिसकी वजह द्वितीयक बाजारों का सुस्त प्रदर्शन और निवेशकों की भूख का अभाव है। मुझे नहीं लगता कि पिछले साल की तरह इस साल सौदे होने वाले हैं। अगर विदेशी निवेशकों की भागीदारी सुधरती है तो चीजें बेहतर होंगी।
विशेषज्ञों ने कहा कि आईपीओ पेश करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को अब अपनी उम्मीद कम करनी पड़ेगी क्योंंकि मूल्यांकन में गिरावट आई है।
दोबारा चढऩे से पहले जनवरी के उच्चस्तर से बेंचमार्क सूचकांकों में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी। साथ ही निफ्टी के लिए पीई गुणक 22 गुने के मुकाबले घटकर करीब 19 गुना रह गया है।
बैंकर ने कहा, प्रवर्तकों और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों को अपने-अपने मूल्यांकन में कमी लाने की खातिर समझाना चुनौतीपूर्ण काम है। लेकिन अब यह वास्तविकता है।
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