नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि भारतीय विमानन कंपनियां आगे हर साल 110 से 120 विमान बढ़ाना चाहती हैं क्योंकि वे कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बाद कारोबार दोबारा जमाने की योजना बना रही हैं। घरेलू विमानन कंपनियों ने वर्ष 2018 में पहली बार अपने विमानों की संख्या में 100 से अधिक इजाफा किया था। उस साल कंपनियों ने कुल 120 विमान बढ़ाए थे, जिनमें से आधा योगदान देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो का रहा था। लेकिन वर्ष 2019 में प्रमुख विमानन कंपनी जेट एयरवेज बंद होने और वर्ष 2020 में कोविड-19 संक्रमण की भीषण लहर के कारण विमानों की संख्या में वृद्धि सुस्त पड़ गई। इस समय भारतीय विमानन कंपनियों के पास कुल 710 विमान हैं, जो 8 साल पहले 400 थे। इस बेड़े में ज्यादातर विमान एयरबस ए320 या बोइंग 737 जैसे संकरी बॉडी वाले हैं। नागर विमानन मंत्री ने विमानन कंपनियों से कहा कि वे उन चौड़ी बॉडी वाले विमानों को भी अपने बेड़े में शामिल करने पर विचार करें, जिनका लंबी दूरी की उड़ानों में इस्तेमाल किया जाता है। हैदराबाद में आयोजित विंग्स इंडिया कार्यक्रम में आज उन्होंने कहा, 'हमें दुनिया से जुडऩे की जरूरत है।' देश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट से हवाई यात्रा की मांग लौटी है। विमानन कंपनियों ने इस साल गर्मियों में हर सप्ताह 25,309 उड़ानों की योजना बनाई है। यह आंकड़ा वर्ष 2020 की गर्मियों के मुकाबले करीब 4 फीसदी अधिक हैं। देश में रोजाना हवाई यात्रा करने वाले लोगों की तादाद 3.83 लाख पर पहुंच गई है। इस साल आंकड़ा कोरोना महामारी से पहले के 4.10 लाख के स्तर के पार पहुंचने की संभावना है क्योंकि विमानन कंपनियां अपनी क्षमता में तेजी से इजाफा कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डों से आने-जाने वाले वाले यात्रियों की कुल सालाना तादाद इस साल 30 करोड़ होने का अनुमान है और यह वर्ष 2024-25 में 41 करोड़ को पार कर जाएगी। सिंधिया ने कहा, 'हम महामारी के बाद मजबूती से उभरे हैं और चुनौतियों तथा अवसरों का सामना करने को तैयार हैं।'
