सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) से मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के आखिर तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कीमत की वस्तुएं एवं सेवाएं खरीदी गईं, जिनमें पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 160 फीसदी बढ़ोतरी रही है। इसकी वजह यह है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिये केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की खरीद बढ़ी है। जेम के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि पोर्टल के फीचर और कामकाज के तरीकों में खरीदारों की मांग के मुताबिक 3,000 सुधार किए गए हैं, जिनकी बदौलत खरीदारों की रुचि बढ़ी है। सिंह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'यह सीखने का सामान्य तरीका है, जिसमें लोगों में शुरुआत में ज्यादा हिचकिचाहट होती है फिर उन्हें फायदे नजर आने लगते हैं और ज्यादा लोग आते हैं (और पोर्टल के जरिये खरीदारी शुरू कर देते हैं)। राज्यों के मामले में हम पिछड़ रहे हैं लेकिन अप्रैल से कोविड-19 की बंदिशें नहीं होंगी और हम उनके साथ ठीक से संपर्क साध सकते हैं।' चालू वित्त वर्ष में ऑर्डरों की संख्या 31.5 लाख के पार निकल चुकी है और यह 22 फीसदी की दर से बढ़ रही है। खरीद कीमत 2022-23 में 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार करने के आसार हैं। जेम सरकार की सार्वजनिक खरीद वेबसाइट है। इसे पांच साल पहले ऐंड टू ऐंड मार्केटप्लेस के रूप में शुरू किया गया था ताकि केंद्र, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की आवश्यकता की वस्तुओं एवं सेवाओं की पारदर्शी, कुशल ई-खरीद मुहैया कराई जा सके। इस समय जेम दुनिया की शीर्ष पांच ई-सरकारी खरीद प्रणाणियों में शामिल है। इस पर कुल 13.4 अरब डॉलर की वस्तुओं की बिक्री (जीएमवी) होती है। सिंह के मुताबिक यह फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसे मार्केटप्लेस के मुकाबले अधिक है। सिंह ने कहा, 'मूल्य के लिहाज से भी हम एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से ऊपर हैं। लेकिन हमारे मॉडल भी अलग हैं। हमारे पास एक तरफ खरीदार सरकार है। इस वजह से अंतर भी अलग हैं। हमें जीएफआर का पालन करना होता है। इसकी तुलना नहीं की जा सकती मगर हां, मूल्य के लिहाज से हम ऊपर हैं और सौदों के लिहाज से वे आगे हैं।' संपत्ति प्रबंधन कंपनी बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लिपकार्ट का जीएमवी कैलेंडर वर्ष 2020 में करीब 12.5 अरब डॉलर रहा जबकि मिंत्रा का जीएमवी 2 अरब डॉलर दर्ज किया गया। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष के दौरान प्रतिस्पर्धी एमेजॉन इंडिया का जीएमवी करीब 11.5 अरब डॉलर रहा। सेवा भी वृद्धि का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, जिसने वित्त वर्ष 2022 में जीएमवी में 25 फीसदी योगदान दिया। सेवाओं में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले करीब 44 फीदी बढ़ोतरी रही है। सिंह ने कहा, 'सेवाओं की श्रेणियों की संख्या एक साल में करीब दोगुनी हो गई है। आज सरकार को जो भी सेवा चाहिए, वह जेम पर उपलब्ध है। भले ही यह ड्रोन सर्वेक्षण हो या क्लाउड सेवा। प्लेटफॉर्म पर करीब 1.5 लाख सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसलिए सरकार को जिन सेवाओं की जरूरत होती है, वे जेम पर उपलब्ध हैं।' (साथ में पीरजादा अबरार)
