मध्य प्रदेश गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए घटाएगा मंडी कर! | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली March 24, 2022 | | | | |
मध्य प्रदेश सरकार राज्य से निर्यात के लिए खरीदे जाने वाले गेहूं पर मंडी कर में कटौती करने पर विचार कर सकती है क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों ही भारतीय गेहूं के लिए वैश्विक बाजार में बनी अनुकूल परिस्थितियों को भुनाना चाहते हैं।
सूत्रों ने कहा कि आज केंद्रीय खाद्य और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ देश से प्रमुख खाद्यान्नों के निर्यातकों और सरकारी अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा गया।
देश भर से प्रमुख बंदरगाहों के चेयरमैन के साथ साथ रेले बोर्ड के चेयरमैन को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में देश से गेहूं के निर्यात को और अधिक बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में किसी भी मंडी से गेहूं की खरीद करने के लिए एक ही लाइसेंस की अनिवार्यता की बात सुझाई जबकि फिलहाल अलग अलग मंडियों से खरीद के लिए अलग लाइसेंस लेने पड़ते हैं।
फिलहाल, मध्य प्रदेश सरकार 1.5 से 2 फीसदी का नॉमिनल मंडी कर लगाती है जो देश में सबसे कम मंडी करों में से एक है और यदि सरकार इसे भी माफ कर देती है तो राज्य से गेहूं के निर्यात को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मध्य प्रदेश ऐसे प्रमुख राज्यों में शामिल रहा है जहां से इस साल देश से बाहर निर्यात किया जा सकता है। इसकी वजह यह है कि राज्य में उच्च गुणवत्ता की पैदावार हुई है, देश के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाहों से राज्य की दूरी कम है और राज्य में कर भी कम वसूला जाता है।
व्यापार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार भी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि 2022-23 खरीद सीजन में मध्य प्रदेश से अधिक से अधिक निजी खरीद संपन्न हो क्योंकि राज्य में पिछले कई वर्षों से गेहूं का शेष भंडार बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है।
एक अग्रणी कंपनी के व्यापारी ने कहा, 'इस बार जब तक खरीद कम रहेगी स्टॉक का प्रबंधन मुश्किल हो सकता है।' एमएसपी पर गेहूं की खरीद में मध्य प्रदेश पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर आता है।
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