सामूहिक जमा योजनाओं के लिए होंगे म्युचुअल फंड जैसे नियम! | समी मोडक / मुंबई March 24, 2022 | | | | |
बाजार नियामक सेबी आगामी 29 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के नियमों को दुरुस्त कर सकता है। म्युचुअल फंडों की तरह सामूहिक निवेश योजनाएं भी खुदरा निवेशकों को कई अंतर्निहित परिसंपत्तियों मेंं निवेश के मौके की पेशकश करता है।
सूत्रों ने कहा कि नए सामूहिक निवेश नियमों का जुड़ाव एमएफ विनियमन से होगा, जिसे सबसे पहले 1996 में अधिसूचित किया गया था लेकिन इसमें कई बदलाव हो चुके हैं।
यह कदम दोनों इन्वेस्टमेंट पूलिंग व्हीकल के बीच किसी तरह के नियामकीय आर्बिट्रेज को समाप्त कर देगा। यह घरेलू बचत को उचित सुरक्षा के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली गतिविधियों में लगाने की खातिर निवेश का नया गंतव्य भी खोल सकता है।
साल 1999 में अधिसूचना के बाद यह सीआईएस नियमन की पहली अहम समीक्षा होगी। अभी निवेशकों से मनी पूलिंग स्कीम के जरिए पूंजी जुटाती रही कई कंपनियां सोना, प्लांटेशन, बकरियां, गाय व एमू पक्षी आदि से जुड़ी हुई है और उचित ऑथराइजेशन के बिना वे इसे सीआईएस बताती रही हैं। ऐसी योजनाएं अक्सर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी कर जाती हैं क्योंंकि उनका ढांचा ऐसा बना होता है कि वे नियामकीय जांच से बच जाती हैं।
नए सीआईएस नियमन के तहत ऐसी योजना के परिचालन के लिए उनके पास संबंधित क्षेत्र में कम से कम पांच साल कारोबार करने का ट्रैक रिकॉर्ड जरूरी होगा। साथ ही प्रायोजकों का न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपये होना चाहिए और पांच साल का लाभ का ट्रैक रिकॉर्ड भी।
इसके अलावा सीआईएस के प्रायोजकों व कर्मचारियों को भी इसमें निवेश करना होगा। नया नियम बताता है कि प्रायोजक को कोष का 2.5 फीसदी या 5 करोड़ रुपये (जो भी कम हो) इस योजना में निवेश करना होगा। साथ ही एमएफ की तरह प्रमुख सीआईएस कर्मचारियों को 20 फीसदी वेतन योजना की यूनिट के तौर पर मिलेगा।
इसके अलावा योजना का शुरुआती खर्च कुल जुटाई गई रकम का 2 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता और योजना के तहत वसूले गए शुल्क आदि की सीमा भी दो फीसदी होगी। मौजूदा नियम शुरुआती खर्च 9 फीसदी तक करने की इजाजत देता है।
सीआईएस योजना के तहत न्यूनतम 20 निवेशकों की दरकार हो सकती है और एक निवेशक की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 25 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती।
नई सीआईएस योजना सबस्क्रिप्शन के लिए 15 दिन खुली रखने की इजाजत होगी, जो अभी 90 दिन है। साथ ही एमएफ के लिए लागू क्रॉस शेयरहोल्डिंग के नियम भी सीआईएस नियम के साथ जुड़ेंगे। इसके तहत एक शेयरधारक के पास किसी सामूहिक निवेश प्रबंधन कंपनी का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं हो सकता।
सेबी का निदेशक मंडल साल 2021-22 के नियामक के सालाना खाते को भी मंजूरी दे सकता है।
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